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षष्ठ प्रकाश
१. मोक्ष का मार्ग चार तत्वों से निप्पन्न होता है :
व ये हैं : १. सम्यक् दर्शन। ३. सम्यक् चारित्र। २. सम्यक् ज्ञान।
४. मम्यक् तप।
२. यथार्थदृष्टि को मम्यग्दर्शन कहा जाता है।
मम्यक्त्व, श्रद्धा, चि और दष्टि यं एकार्थक है।
औपमिक, मायिक, क्षायोपमिक, मास्वादन और वेदक - सम्यग्दर्शन के ये पांच भेद (५४) बनलाए जा चुके है।
३. यथार्थवोध को सम्यगनान कहा जाता है।
मति, थुन, अवधि, मनःपर्याय और केवल - ज्ञान के ये पांच भेद (६) बतलाए जा चुके है।
४. महावन आदि धर्मों का आचरण करना मम्यकचारित्र है।