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जैन रत्नाकर
आंक ३१ का भांगा ३
यहाँ पहले अङ्क तीन का अर्थ है तीन करण और दूसरे अङ्क १ का अर्थ है एक योग। अर्थात् तीन करण एवं एक योग से सिर्फ ३ भांगे हो सकते हैं जैसे :(क) कलं नहीं, कराऊ नहीं. अनुमोदूं नहीं मन
(ख) करूं नहीं, कराऊं नहीं, अनुमोदूं नहीं वचन
(ग करूं नहीं, कराऊं नहीं, अनुमोदूं नहीं काया
आंक ३२ का भांगा ३
यहां पहले ३ का अर्थ है तीन करण एवं दूसरे अङ्क २ का अर्थ है दो योग। अर्थात् तीन करण एवं दो योग से सिर्फ तीन भांगे हो सकते हैं जैसे:(क. करूं नहीं. कराऊं नहीं अनुमोदूं नहीं मन
से, वचन से। (ख) करूं नहीं, कराऊ नहीं, अनुमोदूं नहीं, मन
से, काचा से। (ग) करूं नहीं, कराऊं नहीं, अनुमोदूं नहीं, वचन
से, काया से।