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जैन रत्नाकर
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(५) करूं नहीं, अनुमोदूं नहीं, मन से, काया
(६) करूं नहीं, अनुमोदूं नहीं, वचन से
काया से। (ग) (७) कराऊं नहीं, अनुमोदूं नहीं, मन से,
वचन से। (८) कराऊं नहीं, अनुमोदूं नहीं, मन से,
काया से। (8) कराऊं नहीं अनुमोदूं नहीं, वचन से
काया से। आंक २३ का भागा ३
यहां पहले अङ्क २ का अर्थ है दो करण, और दूसरे अङ्क ३ का अर्थ है तीन योग । अर्थात् दो करण तीन योग से सिर्फ ३ ही भांगे हो सकते हैं जैसे :(क) करूं नहों, कराऊं नहीं मन से, वचन से,
काया से। (ख) करूं नहीं, अनुमोदूं नहीं मन से, वचन से,
काया से। (ग) कराऊं नहीं, अनुमोदूं नहीं मन से वचन से,
काया से।