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जैन रत्नाकरें
का अर्थ है एक योग । अर्थात दो करण एक योग से भांगे हो सकते हैं जैसे
(क) (१) करूं नहीं कराऊं नहीं मन से । (२) करूं नहीं कराऊं नहीं वचन से । (३) करूं नहीं, कराऊं नहीं काया से । (ख) (४) करूं नहीं, अनुमोदूं नहीं मन से । (५) करूं नहीं, अनुमोदूं नहीं वचन से । (६) करूं नहीं, अनुमोदूं नहीं काया से । (ग) (७) कराऊं नहीं, अनुमोदूं नहीं मन से ।
(८) कराऊं नहीं, अनुमोदूं नहीं वचन से । (६. कराऊं नहीं, अनुमोदूं नहीं काया से ।
आंक २२ का भांगा है-
यहाँ - पहले अङ्क दो का अर्थ है दो करण और दूसरे अङ्क २ का अर्थ है दो योग । अर्थात् दो करण एवं दो योग से ६ भांगे हो सकते हैं जैसे
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(क) 1१) करूं नहीं, कराऊ' नहीं मन से, वचन
से ।
(२) करूं नहीं, कराऊ' नहीं मन से, काया से ।
(३) करूं नहीं, कराऊ' नहीं वचनसे, काया से ।
(ख) (४) करूं नहीं, अनुमोदूं नहीं मन से वचन से ।