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जैन रत्नाकर
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पुद्गलास्तिकाय के चार भेद--(११) स्कन्ध (१२) देश
(१३) प्रदेश (१४) परमाणु । पुण्य तत्व-पुण्य बंध के कारण नौ
(१) अन्न पुण्य (२) पानी पुण्य (३) स्थान पुण्य (४) शय्या पुण्य (५) वस्त्र पुण्य (६) मन पुण्य
(५) वचन पुण्य (८) काय पुण्य (5) नमस्कार पुण्य पाप तत्व-पाप बंध के कारण अठारह
(१) प्राणातिपात पाप (२) मृषावाद पाप (३) अदत्ता दान पाप (४) मैथुन पाप (१) परिग्रह पाप (E) क्रोध पाप (७) मान पाप (८) माया पाप (E) लोभ पाप (१०) राग पाप (११) द्वेष पाप (१२) कलह पाप (१३) अभ्याख्यान पाप (१४) पैशुन्य पाप (१५) पर परिवाद पाप (१६) रति अरति पाप (१७) माया
मृषा पाप (१८) मिथ्या दर्शन शल्य पाप । आश्रव तत्व के भेद बीस
(१) मिथ्यात्व आश्रव (२) अव्रत आनव (३) प्रमाद आश्रव (४) कषाय आश्रव (५) योग आश्रव (६) प्राणातिपात आश्रव (७) मृषावाद आनव (८) अदत्ता दान आश्रव रह) मैथुन आश्रव (१०) परिग्रह आम्रव (११) श्रोनेन्द्रिय प्रवृत्ति आनव (१२) चक्षुरिन्द्रिय प्रवृत्ति आश्रव (१३) प्राणेन्द्रिय प्रवृत्ति आश्व (१४) रसनेन्द्रिय प्रवृत्ति आश्रव (१५) पर्शनेण्द्रिय प्रवृत्ति