________________
जैन रत्नाकर
७१
आश्रव (१६) मन प्रवृत्ति आश्रव (१७) वचन प्रवृत्ति आश्रव (१८) काय प्रवृत्ति आश्रव (१६) भण्डोपकरण आश्रव (२०) शुचि कुशाग्र मात्र आश्रव ।
संवर तत्व के भेद बीस
(१) सम्यक्त्व संवर (२) व्रत संवर (३) अप्रमाद संवर (४) अकषाय संवर (५) अयोग संवर ( ६ ) प्राणातिपात विरमण संवर (७) मृषावाद विरमण संवर (८) अदत्तादान विरमण संवर ( 1 ) अब्रह्मचर्य विरमण संवर (१०) परिग्रह विरमण संवर (११) श्रोत्रेन्द्रिय निग्रह संवर (१२) चक्षुरिन्द्रिय निग्रह संवर (१३) घ्राणेन्द्रिय निग्रह संवर (१४) रसनेन्द्रिय निग्रह संवर (१५) स्पर्शनेन्द्रिय निग्रह संवर (१६) मनो निग्रह संवर (१७) वचन निग्रह संवर (१८) काय निग्रह संवर (१६) भण्डोपकरण रखने में अयत्ना न करना (२०) शुचि कुशाग्र मात्र दोष सेवन
न करना ।
निर्जरा तत्व के भेद बारह
(१) अनशन (२) ऊनोदरी (३) भिक्षाचरी (४) रस परित्याग (५) काया क्लेश (६) प्रति संलीनता (७) प्रायश्चित (८) विनय (2) वैयावृत्य (१०) स्वाध्याय (११) ध्यान (१२) व्युत्सर्ग।