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जैन रत्नाकरें
प्राण (६ मनो बल (७) बचन बल (८) काय बल (६) श्वासोच्छ्वास प्राण (१०) आयुष्य प्राण । (७) सात में बोले शरीर पांच
(१) औदारिक शरीर ( २ ) वैक्रिय शरीर (३) आहारक शरीर (४) तैजस शरीर (५) कार्मण शरीर ।
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) आठवें बोले योग पन्द्रहः -
चार मन का - (१) सत्य मनो योग (२) असत्य मनो योग (३) मिश्र मनोयोग (४) व्यवहार मनोयोग |
चार वचन का - (५) सत्य वचन योग (६) असत्य - वचन योग (9) मिश्र वचन योग (८) व्यवहार वचन योग ।
सात काया का - (६) औदारिक काय योग |
(१०) औदारिक मिश्र काय योग ।
(११) वैक्रिय काय योग ।
(१२) वैक्रिय मिश्र काय योग ।
(१३) आहारक काय योग । (१४) अहारक मिश्र काय योग । (१५) कार्मण काय योग ।
(E) नवमें बोले उपयोग बारह
पांच ज्ञान - (१) मति ज्ञान (२) श्रुत ज्ञान (३) अवधि ज्ञान (४) मनः पर्यव ज्ञान (५) केवल ज्ञान ।