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(७) ६-छठे पर्वमें चार तीर्थकरोंके; चार चक्रवर्तियोंके दो वासुदेवोंके, दो बलदेवोंके और दो प्रतिवासुदेवोंके; ऐसे कुल मिलाकर १४ महापुरुषोंके चरित्र हैं। उनके नाम ये हैं:
चार तीर्थंकरोंके नाम-सत्रहवें श्रीकुंथुनाथजी; अठारहवें श्रीअरनाथजी; उन्नीसवें श्रीमल्लिनाथजी और बीसवें श्रीमुनि सुव्रतस्वामी।
चार चक्रवर्तियोंके नाम-छठे कुंथुनाथ; सातवें अरनाथ; आठवें सुभूम और नवें महापद्म ।
दो वासुदेवोंके नाम-छठे पुरुषपुंडरीक और सातवें दत्त। दो बलदेवोंके नाम-छठे आनंद और सातवें नंदन ।
दो प्रतिवासुदेवोंके नाम-छठे बलिराजा और सातवें प्रल्हाद ।
७-सातवें पर्वमें इक्कीसवें तीर्थंकर श्रीनमिनाथ भगवानका; दसवें चक्रवर्ती हरिषेणका; ग्यारहवें चक्रवर्ती जयका; और आठवें वासुदेव लक्ष्मणका; आठवें बलदेव रामका और आठवें प्रतिवासुदेव रावणका; ऐसे सब मिलाकर छः महापुरुषोंके चरित्र हैं।
८-आठवें पर्वमें बाईसवें तीर्थकर श्रीनेमिनाथ भगवानका; नवे वासुदेव श्रीकृष्णका; नवें बलदेव श्रीबलभद्रका और नवें प्रति वासुदेव जरासंधका; ऐसे सब मिलाकर चार महापुरुषोंके चरित्र हैं।
९-नवें पर्वमें, तेईसवें तीर्थकर श्रीपार्श्वनाथ भगवान और बारहवें चक्रवर्ती ब्रह्मदत्तके चरित्र हैं।
१०-दसवें पर्वमें अन्तिम, चौबीसवें तीर्थंकर श्री महावीर स्वामीका-(श्रीवर्द्धमान स्वामीका ) चरित्र है।