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१-प्रथम पर्वमें प्रथम तीर्थंकर श्री ऋषभदेव भगवान और चकवर्ती भरतके चरित्र हैं।
२-दूसरे पर्वमें दूसरे तीर्थंकर श्री अजितनाथ भगवान और दूसरे चक्रवर्ती सगरके चरित्र हैं।
३-तीसरे पर्व में तीसरे तीर्थंकर श्रीसंभवनाथ; चौथे श्रीअभिनंदन; पाँचवें श्रीसुमतिनाथ; छठे श्रीपद्मप्रभु; सातवें श्रीसुपार्श्वनाथ; आठवें श्रीचंद्रप्रभु; नवें श्रीसुविधिनाथ ( पुष्पदन्त) और दसवें श्रीशीतलनाथ; भगवानके; ऐसे कुल मिलाकर आठ तथिकरोके चरित्र हैं।
४-चौथे पर्वमें पाँच तीर्थकरोंके दो चक्रवर्तियोंके, पाँच वासुदेवोंके, पाँच बलदेवोंके और पाँच प्रतिवासुदेवोंके ऐसे सब मिलाकर २२ महापुरुषोंके चरित्र हैं। उनके नाम इस तरह हैं:
पाँच तीर्थकरोंके नाम-ग्यारहवें श्रेयांसनाथजी; बारहवें वासुपूज्यजी; तेरहवें विमलनाथजी; चौदहवें अनंतनाथजी और पन्द्रहवें धर्मनाथजी। ' दो चक्रवर्तियोंके नाम-तीसरे मघवा और चौथे सनत्कुमार।
पाँच वासुदेवोंके नाम-प्रथम त्रिपृष्ट; दूसरे द्विपृष्ट; तीसरे स्वयंभू चौथे पुरुषोत्तम और पाँचवें पुरुषसिंह। .
पाँच बलदेवोंके नाम-प्रथम अचल; दूसरे विजय; तीसरे भद्र; चौथे सुप्रभ और पाँचवें सुदर्शन ।
पाँच प्रतिवासुदेवोंके नाम-प्रथम अश्वग्रीव; दूसरे तारक तीसरे मेरक; चौथे मधु और पाँचवें निशंभु ।
५-पाँचवें पर्वमें सोलहवें तीर्थकर श्री शान्तिनाथ भगवान और पाँचवें चक्रवर्ती शान्तिनाथके चरित्र हैं।