________________
रामके चार रानियाँ थीं। उनके नाम सीता, प्रभावती, रतिनिभा, और श्रीदामा थे।
एक वार सीता ऋतुस्नान करके सो रही थीं। रात्रिके अन्तभागमें उनको स्वप्न आया । उन्होंने दो अष्टापद प्राणियोंको विमानमेंसे चवकर अपने मुँहमें उतरते हुए देखा । उन्होंने अपना यह स्वप्न रामको कहा । रामने कहा:-" हे देवी ! तुम्हारे दो वीर पुत्र होंगे; परन्तु मुझे यह सुनकर हर्ष नहीं होता है कि-विमानमेंसे उतरकर दो अष्टापद प्राणियोंने तुम्हारे मुखमें प्रवेश किया है।"
जानकीने कहा:-" हे नाथ ! धर्मके प्रभावसे और आपके प्रभावसे सब कुछ अच्छा ही होगा।" उसी दिनसे देवी सीताने गर्भधारण किया। सीता रामको पहिलेहीसे बहुत प्रिय थीं और गर्भधारण करने पर तो राम उनसे और ज्यादा प्रेम रखने लगे । वे रामकी आँखोंको चंद्रिकाके समान तृप्त करनेवाली हो गई।
सीताको सगर्भा जानकर उसकी सौतोंके मनमें ईष्या उत्पन्न हो गई। इसलिए उन कपटी स्त्रियोंने छल करके सीतासे कहा:-" रावणका कैसा स्वरूप था सो हमें लिखकर बताओ।" सीताने कहा:-" मैंने उसका सारा शरीर नहीं देखा, केवल पैर देखे थे, इसलिए उसका सारा शरीर लिखकर, कैसे बता सकती हूँ ?" सौतोंने कहाः