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हनुमानका सीताकी खबर लाना।
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इसी लिए क्रुद्ध होकर मैंने बेसोचे आपसे युद्ध करना प्रारंभ कर दिया था। मुझे पहिले एक साधुने कहा था कि-"जो तेरे पिताको मारेगा, वही तेरा पति होगा।" इस लिए हे नाथ ! अब आपके वशमें आई हुई इस कन्याको स्वीकार करो । सारे संसारमें आपके समान कोई दूसरा वीर नहीं है। इस लिए मैं आपके समान पुरुषकी पत्नी बनकर स्त्रियोंमें साभिमान रहूँगी।"
इस प्रकार कह, सिर झुका, वह चुप हो रही। हर्षित होकर सानुराग हनुमानने उस विनय शीला कन्यासे गंधर्व-विवाह कर लिया।
रात्रिवर्णन । उसी समय सूर्य पश्चिम समुद्र में जाकर डूब गया; मानो आकाश-जंगलमें चलते हुए थककर उसने स्नान करनेके लिए समुद्रमें डुबकी लगाई है । पश्चिम दिशाका उपभोग करनेको जाते हुए सूर्यने संध्या-बादलके छलसे, उसकेपश्चिम दिशाके-वस्त्र खींच लिए हों, ऐसा मालूम होने लगा । पश्चिम दिशापर छाई हुई अरुण मेघोंकी परंपरा ऐसी जान पड़ने लगी-मानो अस्तकालमें सूर्यको छोड़कर तेज जुदा रह गया है । नवीन रागी सूर्य, अब नवीन रागवाली पश्चिम दिशाका, सेवन करने गया है, और मुझको छोड़ गया है। ऐसा सोच अपमानसे ग्लानि पा पूर्व दिशा म्लान होगई। क्रीडा स्थलोंका त्याग करनेकी.