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राम लक्ष्मणकी उत्पत्ति, विवाह और वनवास । १८५
किया । जनकके भाई कनकने सुप्रभा रानीके गर्भसे जन्मी हुई भद्रा नामकी कन्या भरतको व्याही । फिर दशरथ अपने पुत्रों और बहुओं सहित, प्रजाजनकृत उत्सवोंसे आनंदित बनी हुई अयोध्यानगरीमें आये। ____दशरथके हृदयमें मोक्षप्राप्तिकी इच्छा होना।
एक वार दशरथ राजाने बड़ी धूम धामके साथ चैत्यमहोत्सव और शान्ति स्नात्र कराये । राजाने स्नात्र जल पहिले अपनी पट्टरानी कौशल्याके पास अन्तःपुरके अधिकारी वृद्ध पुरुषके साथ भेजा । फिर दासियोंके साथ दूसरी रानियोंके पास भी भेजा । युवावस्थाके कारण -शीघ्र चलनेवाली दासियोंने शीघ्रतासे दूसरी राणियोंके पास स्नात्र जल पहुँचा दिया। उन्होंने तत्काल ही उसको वंदन कर शिरपर चढ़ाया। __ अंतःपुरका अधिकारी वृद्ध होनेसे शनि-गृहकी भाँति धीरे धीरे चलता था, इससे पट्टरानीको शीघ्र ही स्नात्रजल नहीं मिला । वह विचारने लगी-" राजाने सब रानियोंके पास स्नात्र-जल भेजकर उनपर कृपा की है। परन्तु मैं पट्टरानी हूँ, तो भी उन्होंने मेरे पास स्नात्र-जल नहीं भेजा । इस लिए मेरे समान मन्दभाग्याको अब जीवित रहकर क्या करना है ?"
' ध्वस्ते माने हि दुःखाय जीवितं मरणादपि ।'