________________
राम लक्ष्मणकी उत्पत्ति, विवाह और बनवास । १७३
करके उसने अनेक राजकुमारोंको देखा, मगर उनमें से. एक भी उसको पसंद नहीं आया ।
रामका जनककी मददको जाना। . . सीताके साथ रामका संबंध निश्चय होना । उस समय अर्ध बस्बर देशके मातरंगतम आदि, दैत्यके समान म्लेच्छ राजा आ कर जनकके राज्यमें उपद्रव करने लगे। कल्पांतकालके जलकी माँति अपने द्वारा उसका रुकना असंभव समज्ञ, जनकने दशरयको बुलाने के लिए उसके पास एक दूत भेजा।
महत हृदयी दशरथने आगत दूतको सन्मानकर, अपने पास बिठाया और जिस कार्यके लिये आया हो वह कार्य बतानेके लिए कहा।
दूत बोला:-" हे महाबाहू ! मेरे स्वामीके अनेक आप्त पुरुष हैं। परन्तु आत्माके समान हार्दिक मित्र तो आप ही हैं । राजा जनकको सुखदुःखमें ग्रहण करने योग्य आप ही हैं-आपही उनको सुखदुःखमें मदद कर सकते हैं। अभी वे विधुर हैं-घबराये हुए हैं । इसलिए उन्होंने कुल देवताकी भाँति आपका स्मरण किया है । वैताढ्य गिरिके दक्षिणमें और कैलास पर्वतके उत्तस्में बहुतसे जनपद+ हैं जिनमें भयंकर लोग बसते हैं। उनमें बरबर कुलके समान अर्द्ध बरबर नामा देश है । वह
* चूल हिमवंत । + देश । .