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त्रिमुख
सुमुख
मांक तिलोयप० प्रतिष्ठासारसं० अभि०चि०
गोवदन गोमुख गोमुख महायक्ष महायक्ष महायक्ष
त्रिमुख त्रिमुख यक्षेश्वर यक्षेश्वर यक्षनायक' तबर तुवर तुम्बरु मातंग
पूष्प विजय मातंग मातंग अजित श्याम
विजय ६ ब्रह्म
अजित अजित ब्रह्मेश्वर
ब्रह्म ईश्वर यक्षेश्वर षण्मुख कुमार पाताल चतुर्मव
षण्मुख किनर पाताल
पाताल किपुरुष किनर किनर १६ गरुड
गरुड
गड १७ गंधर्व
गंधर्व
गंधर्व
प्रप०१० तीर्थकर गोमुख ऋषभ महायक्ष अजित त्रिमुख संभव चतुरानन अभिनंदन तुम्बरु सुमति कुसुम पद्मप्रभ मातग सुपाव विजय चन्द्रप्रभ जय पुष्पदन्त ब्रह्मा शीतल किनरेश श्रेयांस कुमार वासुपूज्य षण्मुख विमल पाताल अनंत किनर धर्म गरुड शान्ति गधर्व
कुन्थ
ब्रह्म
कुमार
कुमार
१ त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित और अमरकाव्य म यक्षश्वर तथा
प्रवचनसारोद्धार और निर्वाणकलिका में ईश्वर नाम कहा है। २. नेमिचन्द्र ने तुंबरु लिखा है। ३ हेमचन्द्र के ही विपष्टिशलाकापुरुषचरित्र में तथा अन्य मभी श्वेताम्बर
ग्रन्थो में कुमुम नाम मिलता है । ४ प्राशाधर ने ब्रह्मा कहा है । प्राचार दिनकर में भी ब्रह्मा नाम है । ५. विषप्टिशलाकापुम्प रत में ईश्वर और प्राचार दिनकर में यक्षगज ___ नाम मिलता है। ६ नेमिचन्द्र ने प्रतिष्ठातिलक में षण्मुख नाम बताया है । ७. नेमिचन्द्र ने गंधर्वयक्षेश्वर कहा है। ८. प्राचारदिनकर मे गंधर्वराज पौर निर्वाणकलिका मे गंधर्वयक्ष ।