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१०.
दिग०
१३४
दवे.
सुतारा मानवा अशोका गौरी मानवी गांधारी प्रचण्डा वैरोटी विदिता अनंतमती अंकुगा
दिग०
चार चार नार चार चार चार चार चार चार चार
दिग०
दिग०
मानसी
श्वे० गौर वृषभ
शूकर श्वे. हरित् पद्म दिग० सुवर्ण मृग
__गौर सिह
हरित मकर वे. श्याम अश्व
अजगर श्वे० सुवर्ण पद्म
सुवर्ण हम श्वे०
गौर पद्म दिग० प्रवाल व्याघ्र
गौर मत्म्य दिग०
सुवर्ण मयूर वे० गौर पद्म दिग० मुवर्ण शूकर श्वे०
गौर मयूर सुवर्ण हम
कृष्ण पद्म दिग० हरित अष्टापद श्वे० कृष्ण पद्म दिग० पीत नाग श्वे. गौर भद्रासन दिग० हरित मकर
चार चार चार चार चार
वरद, प्रक्षसूत्र, कलश, अंकुश माला, वरद, मत्स्य, फल वरद, पाश, फल,अंकुश मुद्गर, कमल, कलश, वरद वरद, मुद्गर, कलश, अंकुश पद्म. वग्द, कमल, मूसल वरद,शक्ति, पुष्प, गदा दो हाथों मे सर्प.धनुष, वाण बाण, पाश, धनुष, नाग धनुष, वाण, फल, वग्द पाग, तलवार, अंकुश,ढाल कमल,धनुष,वरद,अंकुश, बाण, कमल उत्पल, अंकुश, पद्म, अभय फल, चक्र, खड्ग, वरद पुस्तक,उत्पल,कमण्डलु,कमल शंख, असि, चक्र, वरद बीजपूर, शूल, मुषण्ढी, पद्म सर्प, वज्र, मृग, वरद बीजपूर, कमल, पाश, अक्षसूत्र ढाल, तलवार, फल, वरद वरद, अक्षसूत्र, बोजपूर, शक्ति ढाल, तलवार, फल, वरद । वरद, अक्षमूत्र, बीजपूर, शूल यष्टि, ढाल, प्रक्षसूत्र, तलवार
दिग०
कन्दर्पा महामानसी निर्वाणी जया विजया तारावती धारिणी अपगजिना वरोट्या बहुरूपिणी नरदत्ता चामुण्डा
सवर्ण
चार
वे०
२०
चार चार चार चार चार चार
जन प्रतिमाविज्ञान
अष्टानना
२१
चतुर्मुख