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________________ 'he inche चार श्वेत रित चतुर्विशति शासन यक्षियां सिंह प्राम्रा पीत रक्त पद्य गांधारी श्वे० श्वेत हंस चार वरद, खड्ग, बीजपूर, कुम्भ श्वे. श्वेत वरद, खड्ग, शकुन्त, कुम्भ श्वे० चार वरद, खड्ग, बीजपूर, बीजपूर दिग० अाम्रस्तवक, पुत्र शुभंकर का अाम्र वृक्ष की छाया में हाथ छूती हुई दो पुत्रो के साथ स्थित अम्बिका श्वे० बीजपूर, पाश, पत्र, ग्रंकुश श्वे० पीत सिंह चार पाम्राली, पाश, पुत्र, अंकुश २३. पद्मावती दिग० रक्त पद्म चार अंकुश, अक्षमूत्र, कमल, वरद त्रिफणसर्पमोलि दिग. छह पाग, अक्षमूत्र, कुन्त, अर्धचन्द्र, गदा, मूमल दिग० पद्म पाठ यथोचित दिग० रक्त पद्म चौबीस विभिन्न श्वे० कुक्कुटसपं चार पद्म, पाश, फल, अंकुश २४. सिद्धायिका दिग० सुवर्ण भद्रासन, सिंह दो वरद पार पुस्तक श्वे. हरित् सिंह चार पुस्तक, अभय, वोजपूर, वीणा श्वे० हरित् गज चार पुस्तक अभय, पाश, कमल तालिका ४ नाम परम्परा शरीर का वाहन भुजानों की प्रायुध विशेष वर्ग संख्या क्षेत्रपाल दिग० श्याम श्वान चार तलवार, ढाल, काला कुत्ता, गदा नाग अलंकरण त्रिनेत्र सुवर्ण
SR No.010288
Book TitleJain Pratima Vigyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBalchand Jain
PublisherMadanmahal General Stores Jabalpur
Publication Year
Total Pages263
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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