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________________ २ ३. ४. ५. ७. रोहिणी अजिता प्रज्ञप्ति दुरितारि वज्रशृंखला कालिका पुरुषदत्ता महाकाली मनोवेगा श्यामा काली शान्ता ज्वालामालिनी भृकुटि महाकाली दिग० वे ० दिग० सुवर्ण धवल श्वेत श्वे० श्वेत दिग० सुवर्ण श्वे ० दिग० श्वे ० दिग० श्वे ० श्वे० श्वे ० दिग० श्वे ० दिग श्वे ० दिग ० श्याम मुवर्ण मुवर्ण सुवर्ण श्याम श्याम श्याम श्वेत पीन श्वेन लोहासना लोहामना पक्षी मेष हंस पद्म गज पद्म अश्व नर नर नर वृषभ गज महिष नार चार छह चार चार चार चार चार चार चार चार चार चार चार आठ पीन वराह / विडाल हम चार कृष्ण कूर्म चार चक्र, शंख, अभय, वरद वरद, पाश, अंकुश, फल अर्धचन्द्र, परशु, फल, तलवार, तुम्बी, वरद वरद, अक्षमूत्र, फल, अभय नागपाश, अक्षसूत्र, फल, वरद वरद, पाश, नाग अंकुश चक्र, वज्र, फन, वरद पाश, वरद, अंकुश, वीजपुर वरद, प्रसि, ढाल, फल पाश, वरद, बीजपूर, अंकुश वरद, बाण, धनुष, प्रभय वरद, पाश, धनुष, अभय घण्टा, त्रिशूल पल, वरद वरद,अक्षसूत्र,गुल,अभय चक्र, धनुष, पान, ढाल, त्रिशूल, वाण, मत्स्य, तलवार खड्ग, मुद्गर, फलक, पशु वज्र, फल, मुद्गर, वग्द चतुर्विंशति शासन यक्षिया १३३
SR No.010288
Book TitleJain Pratima Vigyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBalchand Jain
PublisherMadanmahal General Stores Jabalpur
Publication Year
Total Pages263
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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