________________
नन्दावर्त/नन्द्यावत-एक देव विमान विशेष ; इक्कीस दिनो
का उपवास , सॉथिये का एक रूप ; स्वस्तिक ; द्वीप
विशेष । नन्दी-१ एक शख, जिसका मध्य भाग बडा हो, २. आगम
ग्रन्थ-विशेष, ३. अहंत-साक्षी के लिए चौमुखी प्रतिमा
की ममवसरण/त्रिगडे पर स्थापना । नन्दीश्वर-द्वीप-एक द्वीप; मध्यलोक का आठवाँ द्वीप। नमस्कार-प्रणाम ; प्रसिद्ध मन्त्र ; बहुआयामी महामन्त्र । नय-युक्ति ; वस्तु के किसी एक अंश का ग्राहक ज्ञान । नरक-नारक जीवो का स्थान । नरकपाल-परमाधार्मिक देव, जो नरक के जीवों को यातना
नामकर्म-जीव के लिए विभिन्न शरीरो की रचना करने
वाला कर्म।
[
७३ ]