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नाम-निक्षेप-संज्ञारोपण , किसी वस्तु या व्यक्ति विशेष का
इच्छानुसार नाम रखना। नालिका/नाली-घटिका , घडी , साढ़े अडतीस लव के
बराबर का काल । (लव = ४६ उच्छ्वाम) नास्ति-सप्तभगी का दूप्सरा भंग , पर द्रव्यादि की अपेक्षा
वस्तु का अभाव । नास्ति-अवक्तव्य- सप्तभंगी का छठा भंग । निकाचना-कर्मों का निविड़-बन्धन । निकाचित-कर्मों का घने निविड रूप में बन्धन । निक्षेप-न्यास , स्थापन , किसी पदार्थ को युक्तिपूर्वक जानने/
जतलाने का साधन । निगोद-वनस्पति के रूप में रहने वाले अनन्तानन्त जीवों की
बस्ती , अनन्त जीवो का एक साधारण शरीर-विशेष । निगोदिया-जीव , साधारण वनस्पति । नित्य-निगोद-निगोद में चिर स्थायी प्रवास करने वाले जीव । निग्रह-दण्ड , निरोध , नियन्त्रण । निदान-मरते समय पर-भव में सुखादि प्राप्त करने की इच्छा ।
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