________________
धर्मलाभ-धर्म की प्राप्ति ; साधु-गुरुजनो द्वारा दिया जाने
वाला आशीर्वाद । धर्मवाद-धर्म-चर्चा ; बारहवाँ अंग-ग्रन्थ दृष्टिवाद । धर्मसंज्ञा-धर्म-विश्वाम ; धर्म-बुद्धि ।। धर्मास्तिकाय-धर्म-द्रव्य का दूमरा नाम । धारणा-उपवास के पूर्ववर्ती दिन में किया जाने वाला
एकाशन/भोजन। ध्यान-चित्त की एकाग्रता, अन्तरलीनता। धृतिमन की एकाग्रता। ध्रौव्य-द्रव्य का नित्य अवस्थित सामान्य भाव , द्रव्य मै
उत्पाद-व्यय की प्रक्रिया का अभाव ।
[ ७२ 1