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धनुष-चार हाथ के बराबर माप । धरण-एक माप , सोलह तोला । धर्म-शुभ कर्म ; सदाचार ; जीव का निज स्वभाव ; अहिंसा,
समता आदि का भाव । धर्म-अनुप्रेक्षा-दुःख बहुल संसार में धर्म का ही रक्षक रूप में
चिन्तवन। धर्मकथा-धर्म सम्वन्धी बात ; अनुयोग-विचार । धर्मकाय-धर्म का साधनभूत शरीर । धर्मचक्र-जिनेश्वर भगवान का धर्म-प्रकाशक चक्र । धर्म-द्रव्य-गति-माध्यम ; जीव तथा पुद्गलो की गति में ___सहायता देने वाला एक अरूपी पदार्थ । धर्म-ध्वज-धर्म-सूचक ध्वज ; इन्द्र-ध्वज । धर्म-ध्यान-शुभ ध्यान-विशेष ; धर्म-चिन्तन ; आत्मा या अर्हव स्वरूप का एकाग्र चिन्तवन ।
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