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द्वितीय खड
युगाधार।
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योगी सगरराज। [भोगमार्गमे निकलकर योगमें
आनेवाले महापुरुष
राजा सगरका राज्य दरबार लगा हुआ था, वे सिंहासनरूढ़ थे। रत्नोंकी प्रभासे उनका सिंहान चमक रहा था। मणि और मोतियोंके सुन्दर चित्र उरमें अंकित किए गए थे। सिंहासनके एक ओर प्रधानमंत्री और दूसरी ओर प्रधानसेनापति थे । इसके बाद मंत्री और अंतरंग परिषद के सभासद थे । देश और विदेशोंके नरेश खाकर उन्हें भेट प्रदान करते थे, राजा उ मादरसे योग्य स्थानपर बैठने की मा