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________________ ( 62 ) अर्थ के नाम, रूप और विभिन्न पर्यायो को एक ही शब्द अभिहित करता है तब प्रकृत और अ-प्रकृत वाच्य का प्रश्न उपस्थित होता है। सिंह का चित्राकन भी 'सिंह' शब्द के द्वारा अभिहित होता है और जीवित सिंह भी उसी सन्द के द्वारा अभिहित होता है । मिह का मृत शरीर भी मिह कहलाता है पीर सिंह शब्द सुनते ही 'सिंह-अर्थ' का वो हो जाता है। इस प्रकार अयं को विभिन्न अवस्यायो का शब्द मे न्यान होता है। उपन्यास को विशेषण के द्वारा विशिष्ट का प्रस्तुत का वोष का लिया जाता है । ज्ञान और ध्यान एक ही यात्रा के दो पडाव हैं। चल-जान के द्वारा पदार्थ जेय बनता है और अचल-जान के हारा वह ध्येय बनता है। ध्यान की पद्धति मे भी निक्षेप बहत उपयोगी है। कोई व्यक्ति नाम का पालन लेकर ध्यान करता है तो कोई आकृति का पालवन लेकर । कोई भूत भावी पर्यायो का पालवन लेकर ध्यान करता है तो कोई वर्तमान पर्याय का बालबन लेकर ध्यान करता है। इस प्रकार एक ही अर्य की अनेक अवस्याए ध्येय बन जाती हैं 120 प्रतिकृति मूल अर्थ का प्रतिनिधित्व करती है, इसलिए नैगमनय उम जानात्मक अर्थ का मूलद्रव्य के माय अभेद मानता है। नाम वाञ्च-अर्य का वोव करता है इसलिए शब्दनय उस आन्दात्मक अर्थ का मूल अर्थ के माय अभेद मानने है । भूत और भावी पर्याय का अर्थ मे उपचार किया जाता है, इसलिए नंगम, नरह और व्यवहार नय मूल अर्थ के वर्तमान पर्याय के माय उनका अभेद मानते हैं। आदनय अर्थ के वर्तमान पर्याय को वास्तविक मानते हैं । इस प्रकार अर्थ की विभिन्न अवस्यात्री की अभिव्यक्ति के लिए होने वाले स-विशेषण शब्द प्रयोग को नयों की मान्यता प्राप्त होती है । इस प्रक्रिया मे माय, विपर्यय और अनिश्चय की स्थिति को पार कर हम ८८ के माध्यम से वक्ता के विवक्षित अर्य को जान लेते हैं। 19 लघीयस्त्रय, 74, स्वोपजविवृति अप्रस्तुतार्यापाक पात् प्रस्तुतार्यव्याकरणाच निक्षेप. फलवान् । 20 वृहद् नयचर, 270 दल विविहमहाव, जेण महावेश होइ न झेय । तस्स गिमित्त कारs, एक्कपि य द०१ पउभेय ॥ 21, धवला, 11119 સાથે વિપર્યયે શ્રન વ્યવસાયે વા સ્થિત તેમ્પો પસાર્ય નિરવયે क्षिपतीति निक्षेप । अथवा वाह्याविकल्पो निक्षे५ । अप्रकृतनिराकरणद्वारे प्रकृतप्ररूपको वा।
SR No.010272
Book TitleJain Nyaya ka Vikas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathmalmuni
PublisherNathmal Muni
Publication Year
Total Pages195
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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