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________________ समराइच्चकहा में श्रमणाचार्य के लिए एक प्रकार के संयम में रत, दो प्रकार के असत् ध्यान से रहित, त्रिदण्ड-रहित, क्रोध-मान-माया और लोभ का मर्दन पंचेन्द्रियों का निग्रह, छ: जीव निकायों पर दया करना, सात प्रकार के भय से मुक्त आठ प्रकार के मद स्थान से रहित, नौ प्रकार के ब्रह्मचर्य से युक्त, दस प्रकार के धर्मों में स्थिर चित्त, एक दशांग का ज्ञान तथा बारह प्रकार के तपाचरणों का पालन करना आवश्यक बताया गया है ।126 व्यवहार सूत्र में उल्लेख है कि जो कम से कम पाँच वर्ष की दीक्षा कर चुका है, श्रमणाचर में कुशल है, प्रवचन में प्रवीण है, यावत् दशाश्रुत स्कन्ध, कल्प अर्थात बृहत्कल्प एवं व्यवहार सूत्रों का ज्ञाता है, उसे आचार्य अथवा उपाध्याय के पद पर प्रतिष्ठित किया जा सकता है ।127 आठ वर्ष की दीक्षा प्राप्त श्रमण यदि प्रवचन में प्रवीण एवं असंक्लिष्टमना है तथा कम-से कम स्थानांग व समवायांग सूत्रों का जानकार है तो उसे आचार्य, उपाध्याय, स्थविर, गणी, गणावच्छेदक आदि की पदवी प्रदान की जा सकती है ।128 आचार्य लोग मानव कल्याण के लिए अपने धर्म की शिक्षा-दीक्षा देते हुए शिष्य मंडली के साथ मास कल्प विहार129 करते तथा चैत्यों में निवास करते थे। सर्वसाधारण से लेकर राजा-महाराजाओं तक के लोग उनका भव्य स्वागत करते थे ।129 श्रमण परम्परा में अनेक गच्छों के समूह को कुल, अनेक कुलों के समूह को गण तथा अनेक गणों के समुदाय को संघ कहा गया है।130 गच्छ के विभिन्न वर्गों के साधु-साध्वियों को गच्छाचार्य, कुल के नायक को कुलाचार्य तथा गणों के समुदाय को संघ कहा जाता था जिसके अध्यक्ष को संघनायक, संघाचार्य अथवा प्रधानाचार्य कहा जाता था। गणधर का मुख्य कार्य अपने गण को सूत्रार्थ देना अर्थात् शास्त्र का ज्ञान प्रदान करना तथा भ्रमण करते हुए चातुर्भास युक्त साधुओं के साथ धर्मोप देश करना था।131 कतिपय अभिलेखों के अध्ययन से ज्ञात होता है कि दक्षिण भारत में कुछ नये संघ और उनकी शाखाएँ-गण, गच्छ अन्वय-अस्तित्त्व में आ चुके थे। श्रवण बेल्गोला के एक लेख जानकारी प्राप्त होती हैं कि दक्षिण भारत में सर्वप्रथम भद्रबाहु द्वितीय आये थे और वहाँ जैन ( 110)
SR No.010266
Book TitleJain Katha Sahitya me Pratibimbit Dharmik Jivan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPushpa Tiwari
PublisherIlahabad University
Publication Year1993
Total Pages220
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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