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________________ ४२० जैनकथा रत्नकोष नाग सातमो. तस्योहशे? त्यारें गुरु बोल्या के हे गुणधर! समुश्मां पडेलो एवो ते सुमित्र, जलना कनोलथी घसरडातो अने मोहोटा मत्स्योयें विदायुं के शरीर जेनुं एवो थको मरण पामीने सांकेतपुरमा एक दरिडी ब्राह्मणने घेर पुर्ग ता नामा ब्राह्मणीना उदरने विपे दुष्कर्मरूपराजाना नटोयें पुत्रपणायें नाख्यो. ते एक वर्ष पर्यंत तेना उदरमा रहीने पनी अंधत्वरूपदंमें युक्त थको मोहोटा कष्टयी जन्म्यो. त्यां तेनुं केशव एवं नाम पाड्यु. ते कुक मंदोपथी खस, कास, श्वास, चदुरोगादिक बदुवेदनायें करी युक्त ने पोताना माता पितान नछेग करतो थको हाल ते महोटो थाय . आ प्रकारनो ते मोहननो पापसंपर्क सांजलीनयनांत एवा ते गुणधरें पोताना माता पितानी अाझा लश्ने ते महामुनिना चरणने विपे नमन करी तेनीज पासंथी कर्मकंदनी उपर कुदाल सरखा श्रामण्यने स्वीकायं. पनी रूडीरीतें जाण्यो बे जैनसिहांत जेणें अने शुद्ध रीतें चारित्रने धारण करनार एवो ते गुणधर, गुरुपादना प्रसादथकी मनोहर एवा सूरिपदने प्राप्त थयो. ते ढुं पंज. एम कहीने ते पुरुषोत्तम राजाने कहे , के हे पुरुषोत्तमराजा ! जे में वीरांगदराजा कह्यो, ते हाल तुं पुरुषोत्तम राजा थयेलो बो.ते पूर्व नवमां साधुना अत्यंत वैय्यात्यथी थयेला पुण्यना सुखोने शुक्र देवलोकने विपे नोगव्यु , अने पाबां शेष रहेला पुण्योने,ा जन्ममां राज्यसुखथी नोगवे ने. माटें पूर्व जन्मनी पढ़ें हाल पण तुं चारित्रने अंगीकार कस्य. अने हे पुरुषोत्तम! तारा पूबवाथी में तुने जेना संगथी था कपिंजल.पुरोहित ना स्तिक थइ गयो , ते तेना मामा अंध एवा केशवना पूर्वजन्मनो सर्व व्यति कर कही बताव्यो, तथा ते प्रसंगें तारा अने माहारा पण पूर्वजन्मनी वात कही बतावी. या प्रकारनां मुनिनां वचन सांजली उत्पन्न थयुं जाति स्मरण झान जेने एवो ते सांकेतपुरपति पुरुषोत्तम राजा, मुनिने नमन करी कहेवा लाग्यो के, हे जगवन् ! आ जे सर्व व्यतिकर कह्यो, तेनी यथार्थ मने खबर पडी. अने हे नगवन्! या आपना उपदेशथी हुँ अत्यंत संतोष पाम्यो . वली आप शरणागत जीवना पालनमां महोटा उत्साहवाला बो, तेथी यापनी पासें विनति करी मागुंडं, के हुँ मारा राज्यनो त्याग करी या पनी पासेंथी दीक्षा लेवा हुं हुं, तेथी मने दीक्षा यापो.आम ज्यां कहे डे,
SR No.010252
Book TitleJain Katha Ratna Kosh Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1892
Total Pages517
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size66 MB
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