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________________ पृथ्वीचं अने गुणसागरनुं चरित्र. ३६ए स्वरूप जोश मोहित थयेला कोइएक विद्याधरें मारे हरण कयुं, अने ते पालो मने बाहिं घोर वनमांज मूकीने अपराजिता नामा विद्या साधवाने गयो ने. अने ते गया पडी हे न ! में विचायुं जे मारे तो श्रीबल कुमार शि वाय बीजा कोइ पण साथें वरवुज नथी, अने ते विद्याधर मुने लश् गया विना रहे तेमज नथी,माटें ते विद्याधरना लाजवा पहेलांज ढुंजो गलाफांसो खाइ मरण पामुं, तो मने सर्व फुःखज मटी जाय ? वली मारु अबलानुं तो मरवू एज बलले ? एम विचार करी में गलामां फांसो नाखी मरवू धायुं हतुं, तेथी वली फांसो बांधीने दोरडे लटकी पण हती, तेवामां था यावी, ते दोरडं चाकुथी कापी नारव्युं माटे हे दयालो ! आप मने बोडी द्यो, के जेथी ढुं मारुं धारेलु काम पार पाडुं ? कारण के मस्या विना मारोते विद्याधरना हाथमाथी बटको थाय एम नथी. आवां वचन सांजली तमोयें विचायुं जे श्रा कन्या जो मने, माहारां कहेला नाम गमथी जाणशे, तो मरती जरूर बंध थाशे. अने या कन्याना कहेवा उ परथी पण एमज जणाय , के जेनी साथें मारो संबंध कस्यो ,तेज या कन्या छे ? एम विचार करी तमोयें तमारुं सर्व वृत्तांत कहियाप्यु, तेथी ते सुलक्ष्मणा कन्यायें जाण्यु जे आ श्रीबलराजाज जे. एम जाणीने मन मां अत्यंत खुशी था, जरा अजवाइ जश, ते चिंतववा लागी के अरे ! भावा विकटवनमां आ अतिकोमलशरीरवाला राजा ते केम आव्या हो? एम चिंतवी मधुर शब्दथी पूबवा लागी, के हे दयालो! मने जीवित दान देनारा एवा बाप आर्यपुत्रने कुशल तो ? वली हे प्रिय ! यावा घोर वनने विषे देवतुल्य एवा आप उत्तम पुरुषने शा कारणथीभ्रमण करवू पडद्यु ने ? ते सांजली तमो बोल्या के हे मृगशावादि ? आवा जयंकर वनमा मारी चमणप्रमुख जे लोला थडे, ते केवल तमारा पुण्ययोगेंज थइ होय, एम लागे जे. कारण के तेम जो न थई हत, तो जरूर तमो मरणशरण थ जात. एम कहीने पोतानुं वनमां आववानुं जे कारण हतुं ते कही याप्युं. या प्रमाणे बेहु जण परस्पर पोत पोतानी वार्तायें करी अत्यंत बाह्लाद पाम्यां. तेवामां तो जेने केशथी खेंची पिशाच ल गयो हतो, ते सिनो पुत्र श्रीगुप्त आव्यो.तेने जोश हर्षित थयेला तमो कहेवा लाग्या के हे मित्र! तमें तो याव्या, पण तमोने केशथी पकडी खेंची जनारो पिशाच क्यां ४ .
SR No.010252
Book TitleJain Katha Ratna Kosh Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1892
Total Pages517
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size66 MB
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