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________________ पृथ्वीचं अने गुणसागरनुं चरित्र. २ रना स्वरूपने में जाण्युं, तेमाटे राज्यना त्याग करवानी में रहा जणावी, अने गुरुजीने पूर्दा के महाराज! महारे आ संसारमा रहेवू नथी परंतु मारे पुत्र नथी तथा कुंवारी कन्याउँबाट डे तो या आठ कन्या तथा था मारुं राज्य मारे कोने आप ? त्यारे ते गुरुजीयें कह्यु के था तारो हस्ती मदोन्मत्त थश्ने ज्यारें सांकल वगेरे तोडी तोफान करीने वनने विषे जाशे, त्यारे त्यां जे पुरुष ते हाथीने वश करे, तेने तुं तारी बात कन्या परणा वजे तथा राज्य पण तेनेज आपजे. पडी तुं दीक्षा ग्रहण करजे. या प्रमा नां केवलीनां वचन सांगली संसारथी वैराग्य पामेलो ढुं तेनी वाट जोतो हतो के आ मारो हाथी तोफान करी क्यारें अटवीमा जाय, अने क्यारें ते हाथीने कोई पुरुष वश करे? तेवामां ते हाथी तोफान करी अटवीमां चाल्यो गयो अने तेने वश करनार पुरुषने जोवा माटे मारा अनुचरोने ते हस्तीनी पनवाडे सैन्यसहित फरवानो में दुकम कीधो, के ज्यां आ मदोन्मत्त हाथी जाय, तेनी पनवाडे तमा जाजो. अने जे वश करे, तेनुं नाम वाम पूबीने मने कहेजो. त्यां तो तमोयेंज आवी गजराज वश करयो, अने मारा अनुचरें श्रावीने ते हस्तीने वश करवानी वात मने कही. ते सांजली हूं पाहीं श्राव्यो , केवली नगवाननी कहेली वात प्रमाणे सर्व वात पण मली रही , तो हवे तमें था राज्यने ग्रहण करो. अने या मारी अष्ट कन्याउनु पाणिग्रहण पण करो. एज मारी विनति बे. तेवारें रत्नशिख राजायें कयुं के जेम आपनी इना? प. सुरतेज राजायें महोटा मानथी पोतानी पाठ कन्या परणावी. तथा राज्य पण सोप्यु. अने वली तेने शिखामण दीधी के हे कुमार! आ राज्यने विषे रहीने शास्त्रविरु६ कर्मनो त्याग करवो. कारण के प्रजानुं सारी रीतें पुत्रवत् राजा पालन जो करे जे, तो ते राजा सुखी थाय . वली जो राजा प्रजाने राजी करे , तो प्रजाना पुण्यनो बहो नाग ते राजाने मले बे. जो राजा, पुत्रप- प्रजानुं रक्षण करतो नथी, तो ते प्रजानो करेलो अधर्मनो को नाग राजाने नो गववो पडे . अने हे राजन्! प्रजानुं सारी रीतें जे पालन करवू, तेज राजानो अलंकार . वली शठ लोकोनुं दमन करवू, सारा लोकोनुं पालन करवू, जे थाश्रय करीने रहेला होय,तेनुं पोषण करवू, ते सर्व उत्तम राजानां चिन्हो बे. न्याय, धर्म,रुडं दर्शन, तीर्थ, सुखसंपत्ति, ए सर्व जेने आधारें वर्ने ,तेज
SR No.010252
Book TitleJain Katha Ratna Kosh Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1892
Total Pages517
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size66 MB
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