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________________ २७० जैनकथा रत्नकोप नाग सातमो. बेला,अने श्राम तेम जोता एवा ते रत्नशिख राजाने जो सर्व सेना वि चारवा लागी के छंयाज आपणा राजायें कहेलो पुरुष हशे? एम विचारीने एक मनुष्य अश्व उपरथी हेठो उतरी नमस्कार करी कहेवा लाग्यो के हे देव! जे मनुष्य, अटवीमा फरता सुग्रीवपुर पतिना मत्त हाथीपर बेसीने ही थाव्यो हतो, ते क्यां गयो ? नला ते तो ठीक, पण एक चीजें पण पूबवानुं के तेना शरीरने का हस्तिकत इजा तो थइ नथी? ते वामां तो त्यां वेठेली किन्नरी हसीने बोली के गुं ते पुरुष हाथीने चोरीने श्राहिं तो थाव्यो नथी ? त्यां वली पाडो असवार बोल्यो के अरे ! याम बोलवू तमने घटे नहिं. अमें तो ते पुरुषना मत्तहस्तिवशीकरण रूप पराक्रमथ। प्रसन्न थयेला बेयें. माटे ते अमारो स्वामी क्या ? तेने पार बोलावो, अमो तेना दर्शननी अनितापा करीयें .यें. गंजीर घने उदारचरित्रना सत्त्वने कोण जाणी शके ? कोइ नहिं. माटे प्रसन्न थइ हालने हाल कहो. के ते क्यां ले ? अने ते पुरुषना दर्शनविना अमारा स्वामी वसुतेज राजाने परा कांश्चेनज पडतुं नथी. तेवारेंते खेचरी कहेवा लागी के नाइ! या बेठेला देवपुरुपेज तमो कहो बो, ते हाथीने स्वपरा कमें करी वशीनृत करेलो .अने ते तमारो स्वामी याहीज तमारी सन्मुख बेवेलो , ते तमें पूर्ण दृष्टिथी जुवो. ते सांजली असवार एकदम त्यांची उनो थर अश्वनपर वेसीने पोताना स्वामी वसुतेज राजापासें यावीने कहेवा लाग्यो के महाराज!आपना बुटेला हाथीने वश करी बांधनारो पुरुष एक सरोवरना कांठा उपरथी अमने मलीयाव्यो , माटे याप त्यां पधारो. ते सांजली सुग्रीवपुरपति वसुतेज राजायें विचार करयो के जरूर कोई पुण्यवान् पुरुष आव्यो,अने हस्तीने वश कस्यो, हवे तेने ढुंआपणा नगरमां तेडीलावं? एम विचारीने ते राजा तेने तेडवा माटे आव्यो. ते वखत जे किन्नरी बेती हती, ते त्यांथी गुपचूप चाली गइ. पली बुद्धिमान् एवो ते रत्नशिख राजा तलावमां पडेला मत्तहस्तीने पाडो लावी तेनी उपर पोतें बेगे, अने तेने वसतेज राजा पोताने नगर तेडीलाव्यो. पनी सनामां बेसीने तेने कहेवा लाग्यो के हे देवपुरुप ! या मारी बात कन्या , तेने तमें वरो अने आ मारूं राज्य में, तेने पण ग्रहण करो. कारण के हुँ एक दिवस सुमंगल केवलीनी देशना सांजलवा गयेलो हतो, तेथी था असार संसा
SR No.010252
Book TitleJain Katha Ratna Kosh Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1892
Total Pages517
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size66 MB
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