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________________ अर्थदीपिका, अर्थ तथा कथा सहित. १ थी मनुष्यना कार्यमां मनुष्यनवना अशुनने खता नथी, चारशे अथवा पांचशे योजन मनुष्यलोकनो गंध उंचो उबले , चंचो दुर्गध जाय , ते थी देवता मनुष्यलोकमां ावता नथी. मात्र तीर्थकरना पांच कल्याणिक ने विषे तथा महोटा ऋषिना तपना महिमाथकी अथवा पूर्वनवना स्नेह थकी देवता इहां मनुष्यलोकने विषे आवे ने. मात्रै प्रजुना वचनने विपे अ विश्वासरूप विचिकित्सा पण न करी. ए समकेतमां दोष उपजावनारी जे. हां आशंका करे , के शंका जे जे, ते पण संदेह वाचकज , तथा पि ए शंकाथकी विचिकित्सा जुदी कही, तो तेमां झुं विशेष ? इहां गु रु उत्तर कहे :-के शंका जे , ते इव्यविषयी तथा गुणविषयी बने विचिकित्सा ते क्रियाविषयीज , जे कोइ जीव अत्यंत विपरीतमतिवालो होय अने रूडा धर्म, आराधन पण करतो होय, तो पण पूर्वकत अगुन कर्मना उदयथकी कांक कष्ट पामे, तेवारें एम कहे जे धर्म करवाथी या मने दुःख प्राप्त थयुं, एवी चिंतवणा जे करवी ते विचिकित्सा जाणवी. हवे तेवी विचिकित्सा करनारने बांधलानी पेठे समकेतज क्याथी होय ? कारण के तेने धर्मना स्वरूपनुज अजाणपणुं ने, अने ते धर्मने जाणतोज नथी. का रण के अमृत पीवाथी को वखत मरण निपजे नहीं सूर्यथकी अंधकार प सरे नहीं, चश्माथकी अंगारा वरसे नहीं, कल्यवृदयकी दारिनो उप व न थाय, अमिथकी शीतल परानव न थाय, ते पण कदापि कोश्वखत दैवयोगें पूर्वोक्त अकस्मातो बने, तथापि धर्मकरणी करवाथकी कोई दिवस माणु थायज नहीं ! कारण के एवा विरूपनो संनव क्यारे थयो पण नयी, थातो पण नथी अने थाशे पण नहीं. वास्ते जो कोइ सामान्यजनने बाल देवं ते पण महोटा दोषजणी थाय ,तो वलीत्रणलोकने विपे अतिशयवंत, समस्तकल्याणनो करनारो नत्कृष्टो निमित्तनूत एवो जे धर्म ने तेना क्षेषकर नारा, वली परने पण बोधबीजना नाशना करनारा जे जे, ते पोतें उर्लन बोधी अनंतसंसारी होय ते जीवोनुं या नवें अने परजवें पण क्याथकी क व्याण थाय? अपितु नज थाय ॥ यतः ॥न निमित्तहिषां देमो,नायुवद्यकवि हिषां ॥ न श्रीर्नीतिक्षिा मेकमपिधर्महिपां नहि ॥१॥ जावार्थः- कयुं के नैमित्तिकना पीने कुशल न होय, वैद्यना षीने बान न होय, नी तिना षीने लक्ष्मी न होय अने धर्मना देषीने तो एमांथी एक पण
SR No.010249
Book TitleJain Katha Ratna Kosh Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1891
Total Pages477
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size63 MB
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