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________________ ६० जैनकथा रत्नकोष नाग चोयो. राधनने विषे दृढता ने तेना फलनी प्राप्तिने विषे जय ने विजय राजा नुं दृष्टांत कयुं ते सांजलीने हे नव्यजीवो! तमें समकेतने विषे विधिसहि त यत्न करो ॥ इति सम्यक्त्वविषये जयविजय नृप कथानकं समाप्तं ॥ हवे प्रथम सम्यक्त्वनो जान, चार गतिने विषे संज्ञी पंचेन्द्रिय पर्याप्ता ने थाय, कोइक अनादि मिथ्यादृष्टि जीव मिथ्यात्व प्रत्ययीया अनंतापुद् गल परावर्त्त संसारमां नमी पर्वतना पाषाणानी तथा नदीना पाषाण ने न्यायें अनाजोगें निपजाव्युं एवं जे यथा प्रवृत्तिकरण परिणाम विशेष रूप, तेणे करी एक त्र्यायुःकर्म वर्जित सात कर्मनी स्थिति पल्योपमने संख्यातमे जागें न्यून एक कोडा कोडी सागरोपमनी करे. इहां जीवने राग पने परिणामें इष्क में करी नीपजावी एवी निविड क केश घा कालनी ग्रंथि गांवनीपरें दुःखे नेदवा योग्य जे पूर्वे क्यारे पण नेदी न हती, ए ग्रंथी देशलगें नव्य पण यथाप्रवृत्तिकरणें करीने अनंती वार यावे. ए ग्रंथिदेशने विषे वर्त्ततो जव्य ग्रथवा अनव्य जीव प्रसंख्या तो काल रहे. त्यां रह्यो थको व्यश्रुत कांक कणा दश पूर्व जणे. यावत् श्री जिनतीर्थंकरनी ऋद्धि देखवाथकी, स्वर्गना सुखनो व्यनिलापी थको दी का जेने उत्कृष्टो यावत् नवमा ग्रैवेयकसुची अनव्यजीव पण जाय. इहां कांइक न्यून दश पूर्व ते मिथ्यात्वीयें ग्रह्मो, माटेंमिप्याश्रुत पण होय एट जे ज्यांसुधी नव पूर्व पूरण ने दशमा पूर्वनी त्रण वस्तुपर्यंत नो तिहां सुधी सम कितनी नजना जाणवी, खने जेहने चौद पूर्व अथवा दश पूर्व सं पूर्ण श्रुत होय तेने समकित श्रुत कहीयें. तेने नियमा समकित होय. शे प कांइक न्यून दश पूर्वधरादिकने सम कितनी नजना जाणवी कोइकने समकेत होय ने कोइकने न होय ॥ यक्तं कल्पनाष्ये ॥ चनदस दस यन्ने, नियमा समत्त सेस जयणा इति वचनात् ॥ हवे ते ग्रंथिने तीक्ष्ण कुहाडानी धारनी परें जीव अत्यंत विशुद्ध ध्यवसायें नेदीने मिथ्यात्वनी स्थितिने अंतर मुहूर्त्त उदय कथकी उपर यतिक्रमीने पूर्व करण ने निवृत्ति करण लक्षण विद्यु६ जनित जे सामर्थ्य तेणे करी अंतर्मुहूर्त कालप्रमाण प्रदेशें वेदवा योग्य दलियाने यावरूप अंतर कर करे . हवे एत्रण कानों अनुक्रम कहे बे. ते कल्प नाष्यमां कयुं बे ॥ जा
SR No.010249
Book TitleJain Katha Ratna Kosh Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1891
Total Pages477
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size63 MB
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