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________________ २४ जैनकथा रत्नकोष नाग चोयो. उत्तरगुण रूप बे ने करी युक्त तेने श्राश्रयीने तेरशें कोडी उपर चोराशी कोडी ते उपर बार लाख सत्तावीश हजार अने बसें, एटला उत्तरनेद नां गा थाय, ए नांगामांहे केवल समकेत ते प्रथम नांगो जाणवो. पण ए सम केतविना एके नांगानो संनव थाय नहीं. एटला माटें कह्यु के ॥ मुलं दारं पश्हाणं, थाहारो जायणं निहि ॥ उगढकस्सवि धम्मस्स, सम्मत्तं परिकित्तियं ॥ १ ॥ एनुं फल आ प्रमाणे कहे :- अंतोमुदुत्त मित्तंपि, फासियं जेहि हुँऊ सम्मत्तं ॥ तेसिं अवढ पुग्गल, परिघट्टो चेव संसारो॥ ॥ १ ॥ सम्मविही जीवो, गब नियमा विमापवासीसु ॥ जवि नगय समत्तो, अहव न बज्ञान पुत्वं ॥ ३ ॥ जं सक्क त किरई, जं च न सका त यंमि सद्दहणा ॥ सदहमाणो जीवो, पावश् अयरामरं गाणं ॥ ४ ॥ श्रा त्रण गाथामां पदेली गाथानो अर्थ सुखान ने अने बीजी तथा त्रीजी गा थानो नावार्थ कहे जेः- सम्यग्दृष्टि जीव जो समकेतथी पड्यो न होय तो अथवा समकेत प्राप्तिथी पहेलां परनवनुं आनुवं न बांध्यु होय तो निश्चें वैमानिकवासी देवोमां जश् नपजे ॥ २ ॥ जेहवी शक्ति होय तेवी न पः क्रिया करे अने जो क्रिया करवानी शक्ति न होय तो धर्म उपर साची सद्दहणा राखे, सदहणा करतो जीव अजरामर स्थानक पामे ॥ ३ ॥ ६ ॥ हवे ए सम्यक्त्वनी ऊपर जय अने विजयराजानी कथा कहे जेःश्रा जंबुद्दीपना जरतदेवने विषे स्वर्गपुरीनी स्पर्धा करे एवं, विश्वने यानंद उपजावनारुं नंदिपुर नामें नगर , तेने विपे दौःस्थ्य, दोन ग्य,द रिडीपणुं दुःखदौर्निदा दिक सर्व नयना समूह क्य थइ गयां , यने ते सर्व संपदानुं आस्पद केतां स्थान बे. त्यां श्रीधर्म नामें राजा राज करे जे. सर्व शत्रुने त्रास पमाडनार ते राजा न्याय, धर्मे करी राज्य, तथा प्रजाने पाले . याचक लोकने संपदा आपवाथी प्रियमेलक यह सरखो . तेने १ श्रीकांता, २ श्रीदत्ता अने ३ श्रीमती, एवे नामें त्रण पट्टराणीयो . ते मां श्रीकांतानो पुत्र जय अने श्रीदत्तानो पुत्र विजय ए वे अतुल पराक मवाला ने, अने बालपणाथीज जाणीयें पाबला नवर्नु समकित लेता था व्या होय नहिं ? एवा , तेथी पाउला जवने रंगें रंगाणा . सरखा था कारवाला तथा सरखी वयवाला विद्या, कला, आचार तथा गुणें करीस रखी शक्विाला . ते वे नाइजाणीयें वे नेत्रज होय नहिं. कहेलु डे के,
SR No.010249
Book TitleJain Katha Ratna Kosh Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1891
Total Pages477
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size63 MB
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