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________________ अर्थदीपिका, अर्थ तथा कथा सहित. ३३५ रकेवो॥१॥मदुरपरिणाम सामं, सम्मतुला सम्मखीरखमजु ॥दोरेदारस्स हई,गि मेयारंतु दवमि ॥२॥आश्चवमा पर, उरकमकरणं रागदोसमधलं ॥ नाणाइतिगं तसाइपोयणं नावसामाश्यं तच्चकरेमि नंते सामाश्यमित्यादि। इहां श्रीयावश्यक नियुक्तिनी महोटी टीकामांहे सामायिकने अधिकारें श्रीहरिनश्सूरियें कह्यु के के गृहस्थ पण गृहस्थपणे सामायिक करे तिहां करेमिनंते इत्यादिक सामायिक दंझकनो उचार करे तेमां विहं तिविहेणं एवो पाठ नच्चारे पण तिविहं तिविहेणं एवो पाठ केम नथी नच्चारता एवो पाठ नचारतां शो दोप वे एवं शिष्यें पूछे थके गुरु उत्तर कहे जे. के गृह स्थें पूर्व आरंजादिक कार्य कस्यां ने अने पागल पण तेने आरंनादिक कार्य करवानो अनिलाप ने तेमाटे गृहस्थथी अनुमोदनानो निपेध न था य जो अनुमोदनानो निपेध करे तो पञ्चरकाण जंग थाय तेथी गृहस्थने माटे त्रिविधं त्रिविधं एवो पाठ को आगममां कह्यो नथी. तथा ग्रंथांतरनेविपे त्रिविध त्रिविधेन एवो पाठ कह्यो ले ते पण को क प्रयोजनें कह्यो . यमुक्तं महानाष्ये ॥जकिंचिदप्पण, मप्पप्पंवा विसेसिवनु ॥ पञ्चरिकऊ नदोसो, संयंनु रमणा मनुवा ॥१॥ नावार्थःजे को प्रयोजन रहित एवी अल्पमात्र वस्तुने विशेषपणे करवाने त्रिविध त्रिविधं करी पञ्चरके ने तेनो दोष नही, स्वयंजूरमण समुना मत्स्यना मांसना नियमनी पेरें ॥ इहां सामायिकनेविपे तो सामान्य प्रकारे निय मनुं ग्रहण पण पूर्वाचार्यनी परंपरा जेम होय तेम प्रमाण थाय ॥ हवे सामायिकनो काल कहे जेः-जघन्यमा जघन्य वे घडीनुं सामायि क कर. श्रावकप्रतिक्रमणनी चूरणीमां पण ॥ जावनियमं पछुवासा मि इत्यादि पाठ कह्यो रे तेनो अर्थ कहे जे के यावत् नियमपर्यंत पर्युपासना करूं बुंए जो के सामान्य वचन ले तो पण जघन्यथकी अंतर्मुहूर्तमात्र नियमने विपे रहे पडी वली आगल समाधि होय तो नजे वेठो रहे तथा कलिकालमांहे सर्वज्ञ सरखा श्रीहेमाचार्य पण कयुं . यतः ॥ त्यक्तात रोऽध्यानस्य, त्यक्तसावद्यकर्मणः ॥ मुहूर्त समतायुक्तं, विपुः सामायिकवतं ॥ १ ॥ जेणें आर्तरौध्यान बांमयां में तथा सावद्यकर्मनो एटले सदोष कर्मनो जेणे त्याग कस्यो ठे एवा पुरुपर्नु मुहूर्तमात्र एटले वे घडी पर्यंत समतायुक्त जे ध्यान तेने सत्पुरुषो सामायिक कहे जे.
SR No.010249
Book TitleJain Katha Ratna Kosh Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1891
Total Pages477
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size63 MB
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