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________________ अर्थदीपिका, अर्थ तथा कथा सहित. ३१५ शे तेवारें बसशे. पण हुं निमित्तने बजें करी एटलुं जाएं बुं जे या नगर नो राजा तुं थाइश तेवारें ए नगर फरी पाबुं वसशे. त्यांसुधी नजड रहेशे. एवं सूडानुं कौतुक कारी वचन सांजलीने कुमर अत्यंत हर्ष पाम्यो एम सूडासार्थे वातो करतां सूर्य अस्त थयो. अने अंधकारनो प्रसार थयो ते वखत सूडो कनशास्त्राने बजें बुद्धिथी विचारीने कुमरने कहेतो दवो के रात्री अंधारी माटे वे पहोर पर्यंत तमे जागता वेसो ने वे प होर पर्यंत हुं जागीश केम के या नगर शून्य बेखने वली या त्रण वस्तु पामवी पण दुर्लन ले तथा महारा धारवा प्रमाणे आज कांइक तुजने वि न पण थवानुं वे एटलामाटे यापणें सावधानपणे रहेतुं, कारण के जागता ने कोइ जय न होय ॥ यतः ॥ उद्यमान्नास्ति दारिद्र्यं जपतो नास्ति पात कं ॥ मौनेन कलहो नास्ति, नास्ति जागरतो जयं ॥ १ ॥ जावार्थः - उद्यम थी दारि नाश पामे, जपथकी पातक नारा पामे, मौन धारण करवायी कलह जाय ने जागतां थकांने कोइ नय न थाय ॥ १ ॥ माटे जागताने उपाय करवो सुलन थाय जो विघ्नमांहे पीड्यो होय तो पण नयने स्थानकें सुतेलो पुरुष घणो वगोवाय. एवं सूडानुं वचन सांजलीने कुमर तथा कुमरी वे प्रहर रात्रि लग सुखें निशमां सूतां ने सूडो वे पहोर पर्यंत जागे बे रूडा काममां को यास करे शय्याना प्रजावें वे प्रहर सुखमां निश करी बेहु जाग्यां ने कुमर सावधान थको रह्यो तेवारें सूडो जेम पंथें थाकेलो नंघे तेम नंध्यो. एवामां पाइदेवीना भुवननेविषे दिव्य नाटक संगीतनो ध्वनि थयो ते सांजली कुमर प्राश्वर्य पामीने जोवाने उजमाल थयो तेवारें पोतानी स्त्री ने तहां सावधान बेसाडी पोतें देहचिंतानो मिश करीने नाटक जोवा यो तिहां तंत्री वीणा तालादिक घन मुरजादिक सुपिर वंशादिक एवां चार प्रकारनां वाजित्र वागे वे जिहां श्रीराग प्रमुख व राग, पट् नापा, ब त्रीश रागणीयें सहित, खडजादिक सात स्वर, यक्तं ॥ पड्जंमयूरानुवते गावस्त्वृपननापणाः || जावदंतिगांधारं, क्रौंचः क्वपति मध्यमं ॥ १ ॥ पुष्प साधारणे काले पिकः कूजति पंचमं ॥ धैवतं प्रादुरश्वाश्र, निपादं ब्रुवतेगजाः ॥ २ ॥ स्वरानुगास्त्रयोग्रामा, मूर्खनाएकविंशतिः ॥ तानाएकोनपंचाश, न्मात्रा स्तिस्रस्त्रयोजयाः ॥ ३॥ चतुर्द्धा रूपकं त्रेधाऽप्येकतालोद्विधा पुनः ॥ रासाष्ट
SR No.010249
Book TitleJain Katha Ratna Kosh Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1891
Total Pages477
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size63 MB
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