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________________ ३१४ जैनकथा रत्नकोष नाग चोथो. आपे तेम राजायें त्रणे वस्तु वीरसेन कुमरने आपी. पड़ी कुमर केटला एक दिवस तिहां रही ससरानी रजा मागी घेर जवानी सामग्री तैयार करी प्रथम सर्व सन्यने मोकली दीयो अने कह्यु के तमें आपणा नगरना नद्यानमा रहेजो ते संकेते ते पण प्रस्थान करता हवा पालथी कुमर घोडा पर प्रारूद थश्ने तेनी पडवाडे कुसुमश्रीसहित पव्यंक बांध्यो अने हाथमां शुक लीयो पनी वीरमेन हंकारतो हवो त्रण रत्न अने न ली कन्या तेनी प्रामिनी प्रीतिने अतिशय वशवर्तिपणे कुमर ब्रांतियेंकरी कनकशालपुरने वदने एबुं बोल्यो के हे अश्व ! तुं कुसुमपुरना नद्याननेविपे जा एम कहेतांज ते तुरंग गरुडनी पेरें याकारों नमीने तेहज दणमां हजारो योजन पृथ्वी उलंघतो शीघ्रपणे कुसुमपुरना नद्यानने विपे जा रह्यो. ते नद्यान महा विहामणुं देखाय ले जेम अटवीने विपे जनावरोना न यंकर रोड़ श्राकरा बिहामणा शब्द सांजलीये तेनी पेठे त्यां पण एवा शब्द सांजलतो हवो तेवारें गुकने पूडतो हवो के हे शुकराज ! आपणे हां क्यां निकली अाव्या तेने शुकें कह्यु के हे कुमर ! तमे पोते अश्वनी आग ल कुसुमपुरनुं नाम दी, तेथी आ कुसुमपुरना उद्याने आव्या अने आ नगर शून्य रे तेथी जयंकर शब्द जनावरोना संजनाय ने एबुं पोपटर्नु व चन सांजली कुमर पोताना प्रमादने निंदतो हवो. पनी कुमर नूरख्योथको तलाइ रहित एवा पव्यंकनी पासेथी निःशंक एवा शुकना वचनथी चिंता मणीरत्ननी पेरें नोजननी याचना करतो हवो एटले पल्यंक पण तत्काल वांडित नोजन आपतोहवो तेवारे ते कुमर स्त्रीसहित जमीने पान खादिम स्वादिम मागी ते पण आरोगीने वली सूडाने खावा योग्य तथा तुरंगने खावा योग्य मागी सर्वने जमाडीने पव्यंकना प्रनावथी ताजा कस्या. पली कुमर कौतुकथी नगर जोवाने निकटयो पण माहे जतां जयंकर शब्द सांजलीने गयो नही परंतु नगरनी बाहेरज जेनो प्रत्यद महिमा ने एवं पादेवी, नुवन डे तेनी जगतीयें रहीने देवी- देहरु जोतो हवो ते नो सुवर्ण मणिमय गढ , सर्व वस्तुयें परिपूर्ण , सर्वमां सारनृत एवं नगरनी बाहिर देवीनू नुवन देखीने कुमर सुडाप्रत्यें पूजतो हवो के हे शु कजी! शा कारणथी या नगर शून्य थयुं हशे? तेने सूडायें कह्यु के को श्क देवीना कोपथी नगर शून्य थयुं जणाय डे वली ज्यारे ते देवी वसाव
SR No.010249
Book TitleJain Katha Ratna Kosh Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1891
Total Pages477
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size63 MB
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