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________________ शएल जैनकथा रत्नकोष नाग चोथो. काननी वेदना, कोढरोग ए सोल महोटा रोग जे आगममाहे प्रसिद ने ते सर्व तेना शरीरे उपन्या महोटी थ त्यारे ते रोगने लीधे महा पीडा नो गवती हवी तेनां माता पिता घणा उपचार करे पण रोग उपशमे नही. __ एम ते शृंगारना साम्राज्यथी रहित अने निरंतर रोगेकरी शरीरमा सं तापित एवी महा कुरवणी थइ तेना घरनी पासें एक नपाश्रय हतो ते मां अर्याजी हतां तेमनी पासे ते नवानी गइ त्यां साध्वीने वांदीने अ त्यंत आदर सहित पूबवा लागी के महाराज ! महारा जन्मनो रोग जा य एवं को तमारी पासें उसड होय तो मने आपो. तेने आर्यायें कॉम दारी पासे धर्म औषध डे ने पाबले नवें पापरूप वृद वाव्यां ने तेनां फल तुजने हमणां उदय अाव्यांजे, ते कर्मना विपाकनो क्ष्य थवाथी रोगवि पाकनो पण दय था ते जेम अनि इंधणांने बाले ले तेम श्रीजिनधर्मरूप औषधथी रोगनो नाश थाय. जे मन वचन कायानी विशुद्धियें धर्म प्रा राधन करे तो जेम सूर्यथी अंधकार नाल पामे तेम इहनव परनव संबं धि सुःखना राशिनो क्य थ जाय, धिःकार ले रसनानी गृक्षताने के, जेणे करी नियमनंगना कटुक विपाकरसने पण कोई विचारता नथी. एवी साध्वीनी वाणी सांजली जवानीये पुब्युं हे महाराज ! में पूर्वे शां पाप कस्यां हशे के जेथकी आ असाध्य रोगेकरी पीडा . ते सांजली साध्वीजी त्रज्ञाने सहित हतां माटे तेना पूर्वनवनो वृत्तांत सर्व कहीने कह्यु के ते पुष्कृत नोगवतां शेष रह्यं ते आनवमां पण जोगवे ने हे न ! बीजी चार इंडियो तो मात्र यौवन अवस्थामांज जीतवी उर्लन ले परंतु ए क रसेंख्यि तो त्रणे अवस्थामां जीतवी इष्कर ते वक्रशिक्षित घोडानी पेरें अतिशय दुःखे दमवा योग्य ले ते रसेंपियना पाकरा उदय तत्काल फलने देखाडे , माटे अहो नव्यो ! तमे रस इंडियने जीतवाने घणो न द्यम करो जो ए एक रसना इंशी धराश होय अने बीजी चार इंडीयो नुखी होय तो ते सर्वश्यिोने ए रसनाज उन्मादता पमाडे . एवं सांजली जवानीने जातिस्मरण उपन्यु तेवारें प्रतिबोध पामीने स मयपणे जोगोपनोग व्रत लश्ने समस्त सचित्त नोजनने बांमती हवी तथा अचित्त वस्तुमांहे सर्व अनय वस्तुनो त्याग कयो. जदयवस्तुमां पण क लमशालिनी जातिनी शालि तथा कोलमध्ये मग अने अडद एबे मोक
SR No.010249
Book TitleJain Katha Ratna Kosh Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1891
Total Pages477
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size63 MB
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