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________________ G४ जैनकथा रत्नकोष नाग चोथो. एवा प्रकारनां वीजां पण अनेक जातिनां खर कर्म जे जे निर्दयी लो कने उचित ते सर्व वर्कवां. जेम के कोटवाल, गुप्तिपाल, सीमपालादि कना व्यापार ते खु शब्दें करी सुश्रावकें निश्चे बांमवा, ए पन्नरे कर्मादान नेविपे अनाजोग अतिक्रमादिक अतिचार जे लाग्यो होय ते पडिक्कमुं बुं. ए व्रत पालनागे प्राणी सर्व अंगे दिव्य जोग पामे, नीरोगीपणुं अ नीटनो संयोग, मनुष्यनां सुख अने देवतानां सुख तथा चक्रवर्तिनी पद वी, इंश्नी पदवी नोगवी सकल कर्म क्य करीने मोदना सुखनो जोगी थाय. __ वली जे प्राणी ए सातमुं व्रत अंगीकार न करे अथवा अंगीकार करी ने वली विराधे तेने घोर पाकरा रोग नपजे अने इष्टवस्तुनो वियोग था य तथा अनिष्टवस्तुनो संयोग थाय तथा नोगांतराय कर्म बांधे, मरीने नर कादिक मुर्गतिनां दुःख जोगवे,घणो संसार रकने इति द्वाविंशति गाथा २२ हवे ए व्रतने आराधवा अने विराधवा नपर मंत्रिपुत्रीनो संबंध कहे जेः-अंग नामा देशने विपे चंपा नामा नगरीले ते नगरीना लोक अत्यं त दयावंत ने पारका अवगुणने बोलवामां मूंगा ले, पारकं धन लेवाने पांगलां , परस्त्री जोवाने अांधलां ठे, जे नगरीयें बोजी जुनी नगरीयोने दासीरूप करी ते नगरीमा प्रतापे करीने सूर्य सरखो अने राज्यनार उपाडवाने शेषनाग सरखो एवो इंऽ समान सहस्रवीर्य नामे राजा राज्य करे जे. ते राजाने बहुमाननुं पात्र अने जेनी बुद्धि मापी शकाय नही ए वो बहुबुदि नामें प्रधान जे. । अन्यदा त्यां पृथ्वीनो प्रलय करतो एवो प्रजालोकना अनाग्यने योगें करी जाणीयें बो आरोज वेठो होयनी ? एवो अत्यंत आकरो को चडेला सर्पनी माढना विष जेवो अनिष्ट एवा विषनो वर्षाद वर्षतो हवो. तिहां बीजली पण अनिष्ट विप सरवीज थती हवी तेणे करीने धान्यनी संपदानो नाश थतो एवो कराल आकरो जागीय कुष्कालने करतोज हो यनी ? एवं फेर सरखं वर्पादनुं पाणी पडयुं तेथी करीने जेम दावानलें क री वननेविपे वनस्पति सर्व निष्फल थइ जाय घांस प्रमुख सर्व बली जा य तेम वरसादना पापीयें करी धान्य, वनस्पति, घास अने फल प्रमुख. सर्व बलीगयां. लोक तथा ढोर अने पशु पंखी प्रमुख पोताना मुखमां घा ले एवी कांइ वस्तु रही नही. पत्र, पुष्प, फल चरण प्रमुख सर्व फेर जेवां
SR No.010249
Book TitleJain Katha Ratna Kosh Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1891
Total Pages477
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size63 MB
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