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________________ अर्थदीपिका, अर्थ तथा कथा सहित. २७३ वाणी सांजलीने सर्व समाजन विचारवा लाग्या के श्रीपुंज या नगर मां को हशे ? एम प्रधानादिक सर्व विचारे बे एवामां को एक पुरुष सनामा बोल्यो, के या नगरने विषे दारि ब्राह्मणनो दीकरो श्रीपुंज एवे नामें बे, ते रात्रिभोजनना नियमनेविषे दृढधर्मा रह्यो बे, चव्यो नथी. आज तेने त्रीजी लांघण थइ बे. एज एक श्रीपुंज बे, बीजो कोइ नथी. एवं सांजलीने प्रधानादिकें ते श्रीपुंजने अत्यंत आदरपूर्वक बहुमान स हित तेंडाव्यो. ते पण तत्काल उत्साह सहित याव्यो ने कहेवा लाग्यो के जो में रात्रिभोजननो नियम त्रिकरण श्राराध्यो होय तो ए निय मना महिमाथकी राजाना शरीरमां उपजेली सर्व वेदना टलो. एम कही राजाने पोताना हायें स्पर्श कस्यो के तत्काल ते राजानी सर्व वेदना टली इ, तेथे राजायें तुष्टमान थइने श्रीपुंजने पांचों गामनुं श्राधिपत्य श्रा युं, ने श्रीपुंजना कहेवाथी राजादिक तथा श्रीपुंजना मातापितादिक सर्व स्वजनोयें मली रात्रिनोजननो नियम लीधो. पढी ते श्रीपुंज घला का लगण श्रीजिनधर्मनी प्रभावना करतो पांचों गामनुं राज्य पाली श्री धरनाइनी साथै सौधर्मदेवलोकें गयो, तिहांथी अनुक्रमें त्रणे मित्र चवीने मनुष्यपणुं पामी सकल कर्म दय करी मोह प्रत्यें पामशे. ए रात्रिनोजन व्रतने विषे त्रण मित्रनो संबंध को || १५ बहुबीज एवां पंपोटादिक ते अन्यंतर पुटादिकें करीने रहित केव बीजनूत जाणवां, ते बहुबीज विवेकी ग्रहस्यें वर्जवां तथा वली अ यंतर पुटादिक तथा बीजादिक सहित जे दाडिम टीमोरादिक पण बे परंतु तेमां व्यवहारथी नक्ष्यपणुं नथी. " १६ अनंतकाय जे ते, ते अनंता जीवना घातपातना हेतु वे माटे जय ने यतः ॥ नृज्यो नैरकायिकाधिकाश्च निखिलाः पंचाकतिर्यग्गणो, घ काद्याज्वलनो यथोत्तरमशी संख्या तिगानापिताः ॥ तेज्योनूजलवायवः सम धिकाः प्रोक्तायथानुक्रमं सर्वेन्यः शिवगा अनंतगुणिता तेन्योऽप्यनंतासगाः ॥ १ ॥ नावार्थ:- मनुष्यथकी नारकी असंख्याता, तेथकी देवता सर्व, तेथ की पंचेंशिय तिर्यच, तेथकी बेंड़ी, तेथकी तेंड़ी, तेयकी चौरिंई, तेथकी निकायना जीव अनुक्रमें एकेक थकी संख्यात गुणा कहेवा. अनिकाय पृथ्वी कायना जीव समधिक सेवा, तेथी जलना जीव समधिक, तेथी ३५.
SR No.010249
Book TitleJain Katha Ratna Kosh Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1891
Total Pages477
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size63 MB
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