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________________ अर्थदीपिका, अर्थ तथा कथा सहित. १२७ थाय,तेनो उपाय जेम उलर्न थाय,तेम उष्टमंत्री ए राजाने कष्टमांनाख्यो . माटे प्रथम ते प्रधाननो कांक उपाय करवो युक्त . जिहांसुधी ए5 टपरिणामी मंत्री जीवतो हशे, तिहांसुधी ते पोतानी प्रकृति मूकशे नहीं माटे ए अनर्थना मूलने समूलुंज काढी नाखवो जे दया करनारनो घात करे, तो तेनी नपर शी कृपा करवी? माटे अन्याय कारक ए प्रधान हणवा योग्य जे. कडं ले के उष्टने दमवो अने शिष्ट नला जननी प्रतिपालना कर वी, ए न्याय मार्ग ले. एटला माटे ते प्रधाननो निग्रह करवाने कांक कपट रचना करवी. ए मंत्री, करेलुं कपट , तेज मार्गे यापणने चालवू यो ग्य जे. कारण के कपटीने तो कपटथीज वश करवो. कविपण कहे २ ॥ व्रजति ते मूढधियः परानवं, नवंति मायाविषु ये न मायिनः ॥ प्रविश्य निघ्नंति शास्तथा विधा, नसंतागान्निशिताश्वेषवः ॥१॥ नावार्थः- जे क पटी पुरुषने विपे कपटपणुं नथी करता, ते मूर्खबुदिना धणी परानव प्र त्ये पामे . अने ते पुरुषना हृदयमा प्रवेश करीने तेने हणे ने तेनी उ पर दृष्टांत कहे जे. जेम तीक्ष्ण बाणो, जेणे बखतर प्रमुख पहेयुं नथी एवा पुरुषना हृदयमांहे पेसीने प्राण लें ? विचार करनारानो विचार चार कानथी थाय जे, तो सघले प्रशंसवा योग्य थाय .अने जो बकाने थाय, तो वली विशेष प्रशंसनीय थाय . सिरफलने आपे ॥३॥ पड़ी ते बकाननो मंत्र करवाने अर्थे हरिबल समुश्देवताने संनारतो हवो; जेटले संजायो के ते देवें आवीने हरिबलनो अतिशत वेश बनाव्यो. देवता सं बंधि वस्त्राचरण पहेरावीने दिव्यस्वरूपवान कस्यो, तेमज बीजो एक नयं कररूप वालो यमराजानो बडिदार बनाव्यो, तेने साथें लश्ने प्रनातें हरि बल राजसनाने विषे गयो. तिहां हर्ष सहित राजाने नमस्कार करी उनो रह्यो. इंइसरखा एवा हरिबलने स्वर्गथी आव्यो देखीने राजा तथा सर्व पर्ष दानां लोको विस्मय पामतां हवा. राजा पोताना अंतःकरणमा विचार क रवा लाग्यो के धिक्कार ले पापसहित मंत्रीना वचनने जेमाटे में आ हरि बलने सादात् बाली राख कस्यो हतो, ते क्याथी आवी उनो रह्यो. हवे राजा हरिबलने पूजे जे जे तुं यमना घरथी आहीं केम आव्यो ? ने तारी साथें था पुरुष कोण ले ? एम पूबवाथी हरिबल कहेतो हवो के हे राजन ! जेवो ढुंचयमां पडीने बली नस्म थयो. तेवोज हुँ यमराजाना
SR No.010249
Book TitleJain Katha Ratna Kosh Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1891
Total Pages477
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size63 MB
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