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. ( ८४ ) आकृति हिन्दुओं की. : वैष्णवों : महाकाली से मिलती है।'
बाकूड़ा जिले में वर्दमान और आसनसौल के बीच प्राचीन जैन स्तूपों के छत्र पर निर्मित ईंटों के बने एक सुन्दर प्राचीन मन्दिर, जिसमें शिव के साथ तीर्थकर पार्श्व की प्राचीन मूर्ति आज भी विद्यमान है। छोटा नागपुर में दुलभी, देवली, सुइया, पकवीरा, आदि स्थानों में और उनके पास पास भी अनेक प्राचीन जैन मन्दिर, तीर्थंकर प्रतिमायें, यक्ष-यक्षणियों की मूर्तियां
आदि अनेक जैन अवशेष मिले हैं।२ ___ सामन्त निम्नदेव द्वारा कोल्हापुर में सुप्रसिद्ध महालक्ष्मी मन्दिर के निकट ही अत्यन्त सुन्दर एवं कलापूर्ण नेमि जिनालय बनवाया था। इस मन्दिर शिखर की कणिका पर तीर्थकरों की ७२ खड्गासन मूर्तियां अंकित हैं। वर्तमान में यह मन्दिर वैष्णवों के हाथ में है और नेमिनाथ की मूर्ति के स्थान पर विष्णु की मूर्ति स्थापित कर दी गई है।
१ : दक्षिण भारत में जैन धर्म : पृ०-४७ २ : डा. ज्योति प्रसाद जैन : भारतीय इतिहास एक
दृष्टि : पृष्ठ : २१ ३ : जैन शासत : ५०-३२९