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नवीन व्यक्तित्व की रचना और उसकी पुनर्गठन 118 अन्तष्टि वह सम्पूर्ण शाक्तियों के उपयोग से प्राप्त कर सकते हैं। प्रश्न केवल विचारों का नहीं है, यह तो ज्ञान को परिवर्तित करने की अस्तित्व के नवीनीकरण की प्रक्रिया है । यह एक दृष्टि है सचेतनता है और असीम स्वतन्त्रता में मुक्ति है ।