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________________ बारा एक मन से दूसरे मन का ज्ञान संभव है। कोयरवॉयस का अर्थ है परत का ज्ञान या प्रत्या अनुभव रेन्द्रिय उपकरणों के बिना भविष्य में, दूर में, सगीप में हो सकता है। इसके लिए बाट ट्रांसफर ! Thought Frankee ! और माइंड रीडिंग I Maid. Reocdrugs शब्दों का भी प्रयोग किया गया, जिसका अर्थ है पति दूसरे व्यक्ति के मस्तिष्क में क्या है, जो प्रत्यक्षा से जान सकारा है। दूरी का प्रश्न यहा गौण हो जाता है । परामनोविज्ञान पर शोध करने वालों में, जिनमें कुछ प्रयास निक और मनोवैज्ञानिक भी सम्मिलित हैं, इस बात पर सहमत हैं कि Enfirm मैं अतीन्द्रिय बोध-मता है। मनुष्य में सवेदन का एक आश्चर्यजनक विभाग है, जो सूचनायें लाता है जिन्हें सामान्य इन्द्रियों TT प्राप्त नहीं किया जा सकता। अतीन्द्रिय अनुभा का यह विभाग देश और काल से सीमित नहीं है। काया के मात .. में पाट-ट्रांसफर | Theusine Transfer | के में काफी वजनी संभावनायें हैं। जैन-दर्शन के अतीन्द्रिय ज्ञान - प्रकारों से विवेचन दो उपरात art पारागनोवि.नो अतीन्द्रियमान के भेदों से जैन दर्शन के अतीन्द्रिशमान की तुलना की जाये तो बात अधिक स्पष्ट होगी। परामनोविज्ञान TT टेलीपैथी और लेपरवायत ये अतीन्द्रिय बोध के जो दो तय माने गये हैं और उनकी जिस प्रकार से व्याख्या, मी गयी उनसे स्ट हो आतr है कि ये दोनों कमाः जैन दर्शन में मान्य मनःपर्यय के निचार और भावनाओं का दूरवर्ती या निकटपती दूसरे मारक क "पिना परिचित न्द्रिय साधनों के स्वःतापूर्वक संप्रेषण है। यह एक मास्ति भी विचार अनुभवों और भावनाओं का दूसरे मास्तिक से संबंध स्थापित होना है, जो रेन्द्रिय साधनों के बिना स्थापित होता है। टेलीपैथी सहज और प्रायोगिक दोनों रूपों में होती
SR No.010238
Book TitleJain Gyan Mimansa aur Samakalin Vichar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAlpana Agrawal
PublisherIlahabad University
Publication Year1987
Total Pages183
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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