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था। मालपना कीजिर कि धन प्रमाणों के होने पर भी वह विश्वास करता है fir वस्तु पीले रंग की है यधपि अब यह कालमा तत्य नहीं है कि वस्तु पीले रंग की है। केवल इस तथ्य से कि एक मनुष्य विश्वास करता है कि यह एक वस्तु में गुण x है, प्रत्यक्षा करता है इससे यह निष्कर्ष नहीं निकलता कि यह कथन तार्किक भी है क्योंकि अन्य प्रमाण हो सकते हैं जैसा कि उपर्युक्त विवेधन से स्पष्ट हुआ है, जिन्हें उस विशिष्ट कथन के साथ जोड़े जाने पर ये उस कथन को अतार्किक बना सकते हैं 134
इसका तात्पर्य यह है कि सभी सिद्ध | Evekanak | कथन सत्य हों ता आवश्यक नहीं है क्योंकि कुछ सिट । Eidour कप्न असत्य भी होते हैं कि Sundant कथन सत्य और असत्य दोनों हो पाते हैं इसलिए उन्हें ज्ञान की कोटि में नहीं रखा जा सकता, क्योंकि ज्ञान प्रमाणित होता है। ऐसे कथनों को केवलासिद्ध सत्य विश्वास | Cordour TraiBelop | कहा जा सकता है।
सत्य विश्वास ITava Betaap के ऐसे उदाहरण दिये जा सकते हैं जो ज्ञान नहीं हैं 135 उदाहरण के लिए एक व्यक्ति मान लेता है कि मैदान में एक मेड़ है और इस प्रकार यह कथन उसके लिए सिद्ध । Coconut | है कि मैदान में म है। अब मान लीजिए कि भूल से उस व्यक्ति ने एक कुत्ते को भे मान लिया है और इसलिए वह जो भेड़ देख रहा है, पारतव में भेद नहीं है। किन्तु ऐसा भी संभव है कि उस व्ययित के जाने बिना ही मैदान के एक दूसरे भाग में मे है। इसलिए यह कथन कि मैदान में एक भेड़ है सत्य True | भी है और सिम Euktak भी है तथा उस व्यापित के लिए स्वीकृतियोग्य | Acceptalok | भी है किन्त पारिस्थितियां यह स्वीकार नहीं करती कि उस व्यक्ति को ज्ञान है कि मैदान में
इसका तात्पर्य है कि कोई भी सत्य विश्वास I True Bene | अब किसी असत्य वाक्य | False Pospos-hin | को सिद्ध । Eurcourya