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भी थे। किन्तु दोनों ही कप्न पूर्णतया निश्चित नहीं | AbsGulbuy certain! थे क्योंकि प्रमाणित नहीं थे। चन्द्रमा पर मनुष्य के पहुंचने के बाद "धन्द्रमा पर जीयन नहीं है" यह कथन प्रमाणित हो गया इसशिर निश्चित ज्ञान एमाण की कोटि में आ गया। यदि विरोधी कथन 'चन्द्रगा पर जीवन नहीं है प्रमाणित हो जाता तो वह प्रमाग की कोटि में आ जाता |
ऐसे कथनों की वास्तविक स्थिति व्यक्त करने के लिये जो स्वीकृतियोग्य I acceplace व तार्किक संदेह से परे | Berard Rameraldo Aaucts हैं किन्त पूर्णतया निश्चित I AHasolutely contains नहीं हैं, वास्तविक स्थिति व्यक्त करने के लिए crasheeun सिद्ध | Esident : शब्द का प्रयोग करते हैं, क्योंकि कुछ कान ऐसे हैं जो सिद्ध | Esrclear होते हुए भी असत्य हों। वे एक उदाहरण से इस बात को स्पष्ट करने की पेष्टा करते हैं 132 "पह देखता है कि छत पर एक बिल्ली बैठी है" क्या इससे यह निष्कर्ष निकलता है कित पर पास्तव में एक बिल्ली बैठी है। इस कथन की व्याख्या दो अधों में की जा सकती है - एक तो ऐसा हो सकता है कि छत पर वास्तव में बिलली हो ओर दूसरे, जब वह देखता है कि वहाँ एक बिल्ली है तो हो सकता है उसे शा भी हो रहा हो, वास्तव में पहा कोई बिल्ली न हो।
समस्या यह उठती है कि उस व्यक्ति के ज्ञान को जो सत्य है किस प्रकार उस व्यक्ति के ज्ञान से भेद करेंगे जो भ्रम में है। यहाँ chashelm ने Herbet Hejde ldkex ges 33 को अदत किया है। एक मनुष्य विश्वास कर रहा है कि वह किसी वस्तु को पीले रंग की देख रहा है और इसलिए यह मन कि यह वस्तु पीले रंग की है उस व्यक्ति के लिए तार्किक है। किन्तु हम कल्पना करें कि मान लीजिए निम्न तथ्य उस व्यक्ति को बात है कि उस पस्तु पर एक पीला प्रकाश धमक रहा है। वह स्मरण करता है कि एक क्षण पूर्व जब उसने प्रत्यक्षीकरण किया था वह वस्तु सपद थी और उस समय वस्तु का कोई रंगीन पुकाया नहीं बम रहा