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________________ ४० पूर्णभद्रमुनि प्रज्ञातिलक बालचन्द्रमुनि बूचिराज (वल्ह) भगवतीदास महरसिंह महाचन्द महेश्वरसूरि माणिकचन्द यश-कोति यशःकोति योगीन्द्रदेव रइधू जनपथ प्रशस्ति संग्रह सुकमालचरिउ कलीरास (सं० १३६२) निरय-दुह-सत्तमीकहा मयणजुज्झ (वि० सं० १५८६) मृगांककलेखाचरिउ, (१७००), मउडसत्तमीकहा, सुयंध दसमी कहा। त्रिंशत् जिनचउवीसी शान्तिनाथपुराण (र० सं० १५८७) संयममंजरी अमरसेनचरिउ (सं० १५७७) णागकुमारचरिउ (सं० १५७६) चंदप्पहचरिउ (संभवतः १२वीं १३वीं शताब्दी) पाण्डवपुराण (र० सं० १४६७) हरिवंसपुराण (र० सं० १५००) जिनरत्तिविहारण कहा रविवउकहा (आदित्यवय कहा) परमप्पयासु, जोयसार पउमचरिउ (बलहद्दचरिउ) हरवंसपुराण, आदिपुराण, (अनुपलब्ध) पासपुराण, सम्मत्तगुणनिधान, मेहेसरचरिउ, जीवंधरचरिउ, जसहरचरिउ, पुण्णासवकहाकोस, धनकुमारचरिउ, सुकोसलचरिउ, सम्मइ जिनचरिउ, सिद्धचक्क वयविहि, वृत्तसार, सिद्धान्तार्थसार आत्मसम्बोहकव्व, अरणथमीकहा, सम्मत्तकउमदी, (करकंडुचरिउ, सुदंसरणचरिउ, अनुपलब्ध) दशलक्षण जयमाला, पोडसकारण जयमाला, सोहंथुदि, मुद्रित अनेकांत वर्ष १३ कि० ४) सम्यक्त्व भावना तेरापंथीमंदिर जयपुर गु० नं० २५७१) नेमिनाथफाग (सं० १३७१) दोहापाहुड़ (वि० १० वीं शताब्दी) अंतरंगसंधि (सं. १३६२) जिणदत्तचरिउ, (सं० १२७५) अणुवयरयणपईव (सं० १३१३) नेमिनाथचरिउ (प्रासाइयपुरी) दोहाणुप्रेक्षारास (अनेकान्त वर्ष १२ किरण ६ पृ० २०२) अजितनाथपुराण (१५०५) रेवंतगिरिरास (वि० सं० १२८८) मुद्रित कीतिलता मुद्रित चूनडीरास, निर्भरपंचमीकहारास कल्याणकरास लिपि० सं० १४४५ दुद्धारसकहा नेमिनाथचउपई (सं० १२५७) सोखवइविहारणकहा, सुयंधदसमी कहा जंबूस्वामीचरिउ (र० सं० १०७६) णाणसारकीपाथडी राजशेखरसूरि रामसेनमुनि रत्नप्रभसूरि लक्ष्मण (लाखू) लक्ष्मण लक्ष्मीचन्द विजयसिंह विजयसेनसूरि विद्यापति विनयचन्द विनयचन्द्रसूरि विमलकोति वीरकवि वीरकवि
SR No.010237
Book TitleJain Granth Prashasti Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParmanand Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1953
Total Pages371
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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