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अनादरी तप
उपकरण नोदरी उपयारण का अप है-उपकार करने वाली वस्तु । जिन बस्तुओं के हारा गोत-ताप आदि से शरीर की रक्षा होती हो, निरजा का निवारण होता हो, भूमा प्यान आदि मिटाने में सहयोग मिलता हो,तथा जो साधना को अन्य प्र. त्तियों में मानारी मोती हो-~-उन वस्तुओं को उपचार हो । सनि से यार-पान आदि उपयोगी वस्तुओं की उपकरण मंशा होती है । इस. कारणों की जो गर्यादा है. उनसे कम उमरण नाना, अर्थात् सत्र-पार आदि आवरण वस्तुओं की कमी फरना-- करण इच्च नोदनी है।।
माधक का शीर नोमानापन माना गया जर तमाम गरीर के द्वारा मोक्ष की मापना होती है. मगर क्ष मी गर्मी में बचने के नियम आदि पालना होता, लोकतानिए मीर ने आवश्यक अगी होना होता , मग आदि के बारे में शरीर RATमरनी होती : सरक नए
साल होते । शालिए, "तपि संजम सज्जनता पारति परिहाति".... यसन आदि म मात्रा में
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मा उन धारण मारमा साबरमा नहीं होगी काम में उपयोगी पार आदि नही । समाज में माना ए
रीर दाा में लिए गोकन ENTERE: पारा नारिया-
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