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पका दूसरा भेद-नवरी तप । उनीदरी का
है जनम
उदपे ! अर्थात् भोजन के समय पेट को खाली रखना, मृग से माना नोवरी है। नवरी को कहीं कही-प्रद भी कहा जाता है । भोपा और भाव यह है
अर्थमा
पेट
प्रश्न सेता है, राम होता है, किन्तु
२
ऊनोदरी तप
:
ना !
में आका
करना तो
है,
में तो भोजन दिया जाता है फिर
20 )—za a não com era mat, fra dz रवाना, योगी सनापर
करने के लिए
का मिना कोर स्वाद
में भी ना
कुकर के विवाह
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न