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सोमोरिया यिहा
दरोमोरिया प भायोमोरिया गोवरी को प्रसार को है- द्रा योदये। २ भाव जोगी। कहीं नहीं नोदी के पांच भेद भी किये गये है--
मोमोपरणं पंचहा समारोण पिपाहियं ।
बन्यो त कालेण, भायेणं परमहि य । संक्षेप में ऊनोदनी के पांच प्रकार है
(१) द्रव्य ऊनोदरी-आहार को मात्रा से काम माना और आपसमा से कम यमन आदिना ।
(२) क्षेत्र कनोदरी-मिक्षा के लिए गोई स्थान आदि निश्चित कार वही में मिक्षा सेना।
(३) पाल जनोपरी-भिक्षा के लिए काल-गमय निविता कर ant नमा पर निशा मिले तो सेना, नहीं तो न लेना।
(४) माय जनांदरी-मिक्षा के समय अनि आदि करना । (५) पर्याप नोदरी-वक्त चारों भेदों को निगा रूप में परिणाम
प्रसंग के अनुसार समसाई अर्थ हो जाते
मय। से 7 साप्रतामावि ! बास्तविक गुण से हीन होने पर आति, भगा आदिको देशमार किमी सोमाणु समानामा कोसा दिया है काम मागु ! द मन्द माना नहीं! Arts
- पर मापा मानिनोरी पोहरी मार
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1) बायोमोपरिवार {} भोमोपरिणा-AIRTEE