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________________ ऐगा भी होता है कि चाबी पुरी खत्म नी हुई है और फिर भी मशीनरी में किमी धूल आदि के कण मा जाने के कारण लटकन का हिलना बन्द हो जाता है। ऐसी दशा में विना चावो भरे ही लटकन को हिला देने में वह फिर चलने लगता है और पूगे चावी ग्यत्म होने पर ही फिर बन्द होता है। आजकल कमी डाक्टरों ने जिन व्यक्तियों को मग मम मकर छोड़ दिया था उन्हें पुनर्जीवित किया है। वे से हो कम थे जिनकी पूरी चाबी यन्म नहीं हुई थी। इसे अकाल मृत्यु भी कहते हैं । अकाल मृत्यू म अमृत का घडा पूर्णम्प से ना नही होता वग्न् किमी टोकर लग जान के कारण असमय म ही पू.टकर गेला हो जाता है। इगमे भी यह निष्कर्ष निकलता है कि हमें अपने अमृत के घड़े को सयम द्वारा बड़े सभाल के रखना चाहिये ताकि हम उमका पूरे समय लाभ उठा सके । अनगन मयम का एक मुख्य अंग है ।
SR No.010215
Book TitleJain Darshan aur Vigyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorG R Jain
PublisherG R Jain
Publication Year
Total Pages103
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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