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________________ ७६ उसे फेफडे पूरी तरह मोख लेते हैं। अतएव तम्बाकू एक सर्वथा त्यागने योग्य पदार्थ है। यदि किमी केम में मेडिकल कारणों से तम्बाकू का प्रयोग अत्यन्त आवश्यक समभा जावे तो उस व्यक्ति को हुक्का पीना चाहिये । हुक्के के पानी में धुयें के अधिकांश ज हर घुल जाते हैं । १२. उपवास जैनागम में जो १२ प्रकार का तप बताया गया है, अनशन अथवा उपवाम उनमें से एक है। जिम दिन मनुप्य उपवाम करता है उस दिन उसे खाना बनाने और खाने से मुक्ति मिल जाती है और अपने उम ममय को वह ईशपागधना शास्त्र-म्वाध्याय अथवा परोपकारादि में व्यय कर सकता है। इन कृत्यों से पुण्य का बंध होता है और पुण्यबंध से स्वर्गों की प्राप्ति । शास्त्रों मे जो भिन्न-भिन्न प्रकार के द्रत बतलाये हैं और उनके करने से परलोक में जो फल मिलता है उस पर हम कुछ अधिक नहीं कहना चाहते । हम तो आपको केवल यह समझाना चाहते हैं कि व्रत करने से किस प्रकार शरीर को निरोग रखा जा सकता है और प्रायुप्य को बढाया जा सकता है । धर्म साधन के लिये निरोगी काया परमावश्यक है । प्रतएव व्रतों का पालना धर्म माधन का एक अभिन्न अंग बन गया है। इङ्गलैण्ड में एक संस्था है जिसे रॉयल सोसायटी ऑफ लंदन (Royal Society of London) कहते हैं। यह समूचे संसार में विज्ञान की सर्वोच्च प्रामाणिक सोसायटी है ।
SR No.010215
Book TitleJain Darshan aur Vigyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorG R Jain
PublisherG R Jain
Publication Year
Total Pages103
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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