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उपयुक्त प्रत्यक्ष तथा परोक्ष साधनों द्वारा तथा दृढ सकल्प करके स्त्री-समाज, युवा पीढ़ी, अनुभवी लोगों, समाजसेवी तथा विद्वानों एव प्रेस व टेलिविज़न द्वारा जैन धर्म की ह्रास-गाथा को प्रगति की सुन्दर वाटिका में परिवर्तिन करने का भगीरथ प्रयास किया जाये ताकि ससार में सर्व-कल्याणकारी अहिंसा-शासन की स्थापना करके 'रामराज्य' को साकार किया जाये । ___ यह जैन धर्म की वास्तविक गतिशीलता होगी। ससार को जैन धर्म की यह अमूल्य देन होगी ।